नई दिल्लीः गुजरात की फार्मा कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक के निदेशकों और एसोसिएट्स के खिलाफ 5,000 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली में आज कई जगहों पर छापेमारी की. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि छापा मारने की कार्रवाई करने वाली टीमों ने फर्म के मालिकों से जुड़े लोगों से दस्तावेज और हार्ड डिस्क तथा सीडी जैसे कंप्यूटर हार्डवेयर जब्त किये हैं. उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई सात आवासीय और औद्योगिक परिसरों में चल रही है.


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ईडी ने फर्म और संदेसरा परिवार के खिलाफ धन शोधन निरोधी कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है. यह मुकदमा इनके खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर है. सीबीआई ने स्टर्लिंग बायोटेक, उसके निदेशक चेतन जयंतीलाल संदेसरा, दीप्ति चेतन संदेसरा, राजभूषण ओमप्रकाश दीक्षित, नितिन जयंतीलाल संदेसरा और विलास जोशी सहित चार्टर्ड अकाउंटेंट हेमंत हैती, आंध्रा बैंक के निदेशक अनूप गर्ग और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ कथित बैंक जालसाजी को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी.


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सीबीआई का आरोप है कि कंपनी ने आंध्रा बैंक से जुड़े एक कंसोर्टियम से 5,000 करोड़ रुपये का ऋृण लिया, जो बाद में एनपीए में बदल गया. प्राथमिकी के अनुसार, 31 दिसंबर, 2016 को कंपनी पर बैंक का कुल 5,383 करोड़ रुपया उधार था. प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपियों के खिलाफ धन शोधन का एक मामला दर्ज करने के लिए इस प्राथमिकी का संज्ञान लिया.