क्रिप्टो करेंसी वाली कंपनी पर ED ने कसा शिकंजा, WazirX के करीब 65 करोड़ रुपये किए फ्रीज
ED ने Crypto Currency चलाने वाली कंपनी WazirX पर मोबाइल ऐप के जरिए लोन देकर फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियों की मदद करने और उनके पैसों को Crypto Currency में बदल कर विदेश भेजने के आरोप में कार्रवाई की है.
ED Action: ED ने Crypto Currency चलाने वाली कंपनी WazirX पर कार्रवाई करते हुए 64.67 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए हैं. कंपनी की ये रकम बैंक खातों में जमा थी, जिसे फ्रीज कर दिया गया है. एजेंसी ने ये कार्रवाई मोबाइल ऐप के जरिए लोन देकर फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियों की मदद करने और उनके पैसों को Crypto Currency में बदल कर विदेश भेजने के आरोप में की है. एजेंसी मोबाइल ऐप के जरिए लोन देकर भारी ब्याज वसूलने वाली कंपनियों के खिलाफ जांच कर रही है. ये सभी कंपनियां RBI के बैकिंग कानून का उल्लघन कर अवैध तरीके से लोगों को पैसे ब्याज पर दे रही थी और भारी ब्याज के साथ पैसे वसूल रही थी. ये कंपनियां पैसे लेने वाले लोगों के फोन का डाटा भी चोरी कर रही थी और फिर पैसे वापिस लेने के लिए जानकारों को धमकाने के साथ ब्लैकमेल भी कर रही थी.
अवैध तरीके से चल रही थीं कंपनियां
ये सब कपंनियां अवैध तरीके से चल रहीं थीं और सब के पीछे चीनी कंपनियों के पैसे थे. इन ऐप के जरिए लोन देने वाली कंपनियों को NBFC यानी Non Banking Finance Company लाइसेंस नहीं मिला तो ये बंद हो चुकी कंपनियों के साथ गलत तरीके से MoU कर काम कर रहीं थीं.
ऑपरेशन में नहीं हैं ज्यादातर कंपनियां
एजेंसी ने जब इन कंपनियों की जांच करनी शुरू की तो पता चला कि ज्यादातर कंपनियों ने अपना काम बंद कर दिया है और पैसे को Crypto Currency में बदल कर विदेश भेज दिया है. जब एजेंसी ने Crypto में काम करने वाली कंपनियों के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि सबसे ज्यादा Crypto WazirX में खरीदे गए हैं और इसे विदेश में डॉयवर्ट कर दिया गया है.
दोनों के बयानों में सामने आया बड़ा फर्क
ED ने अपनी जांच में पाया कि Zanmai Labs Pvt Ltd ही WazirX Crypto Exchange चलाती है. इसका Crowdfire Inc. USA, Binance(Cayman Island) Zettai Pte Ltd Singapore के साथ एग्रीमेंट है. इससे पहले जब ED ने WazirX के मैनेजिंग डायरेक्टर निश्चल शेट्टी से पूछताछ की थी तो उसने कहा था कि कंपनी सिर्फ भारतीय करेंसी में एक्सचेंज करती है और Binance के साथ सिर्फ IP जैसे एग्रीमेंट हैं. लेकिन अब Zamai ने कहा कि वो सिर्फ भारतीय करेंसी में एक्सचेंज देखते हैं और बाकी सब Binance कंपनी WazirX पर देखती है. यानी दोनों विरोधाभासी बयान दे रहे हैं.
दफ्तर को लेकर संशय बरकरार
WazirX क्लाउड बेस कंपनी है और इसके सभी कर्मचारी घर से काम करते हैं. कंपनी के रजिस्टर्ड दफ्तर में सिर्फ दो कुर्सियां है और Crypto से जुड़े जितने भी ट्राजेक्शन Binance देखती है जिसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं है कि इसका दफ्तर कहां है और कौन कर्मचारी है? यहां तक की कंपनी के legal@binance.com पर मेल भेज कर जवाब मांगने की कोशिश की जिसका कोई जवाब नहीं आया. इसके अलावा एजेंसी ने WazirX को लोन देने वाले कंपनी और उनके पैसों को Crypto के जरिए विदेश भेजने पर जवाब देने के लिए काफी मौके दिए. लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया. यहां तक की कंपनी का रिकॉर्ड Blockcjain पर भी मौजूद नहीं है. WazirX ने बताया कि जुलाई 2020 से पहले बैंक खातों के जरिए Crypto Exchange करने का कंपनी के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है और ना ही किसी तरह का वेरिफिकेशन करवाया गया.
जब कंपनी की तरफ से एजेंसी को जांच में कोई सहयोग नहीं दिया गया तो एजेंसी ने 3 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत कंपनी में छापेमारी की. इस छापेमारी में एजेंसी को पता चला कि WazirX ने 16 ऐप के जरिए लोन देने वाली कंपनियों के पैसों को Crypto में बदल कर विदेश भेजने में मदद की है और कंपनी के डायरेक्टर समीर महात्रे के पास कंपनी के डाटाबेस का रिमोट एक्सेस है. लेकिन बावजूद इसके वो किसी तरह की जानकारी एजेंसी के साथ साझा नहीं कर रहे हैं. इसी वजह से एजेंसी ने Zanmai Labs Pvt Ltd और WazirX पर कार्रवाई करते हुए कंपनी के बैंक खातों में जमा 64.67 करोड़ रुपयों को फ्रीज कर लिया है.
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