MCD स्कूल की किताबों पर शिक्षा मंत्री आतिशी की तस्वीर, BJP ने किया विरोध
BJP ने MCD स्कूल की किताबों पर दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी के फोटो और उनके संदेश को छापने पर कड़ा ऐतराज जताया है. इसके अलावा भाजपा के सदस्यों ने दिल्ली नगर निगम के आयुक्त से इन पुस्तकों के वितरण पर रोक लगाने की मांग की है.
BJP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार पर प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था का घोर राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि MCD के प्राथमिक विद्यालयों की किताबों में शिक्षा मंत्री आतिशी के फोटो और उनका संदेश प्रकाशित करना चौंकाने वाला है. वीरेंद्र सचदेवा ने आगे कहा कि केजरीवाल सरकार पहली बार 2013 में सत्ता में आई है, तब से वह अपने राजनीतिक प्रचार के लिए स्कूलों और पाठ्य पुस्तकों का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रही है.
वीरेंद्र सचदेवा ने लगाया आरोप
वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि माध्यमिक शिक्षा की किताबें एनसीईआरटी (NCERT) की हैं, इसलिए तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया कई प्रयासों के बावजूद अपने संदेश वाले पेज को पाठ्य पुस्तकों में शामिल नहीं कर पाए थे लेकिन शिक्षा मंत्री अतिशी ने मंत्री बनने के कुछ महीनों के भीतर ही बड़ी चतुराई से अपनी तस्वीर और संदेश को एमसीडी की प्राथमिक पाठ्य पुस्तकों में छपवा दिया है. सचदेवा ने आगे कहा कि पाठ्य पुस्तकों में छात्रों के लिए संदेश इतना लंबा है और भाषा इतनी कठिन है कि उन्हें नहीं लगता कि प्राथमिक विद्यालय का कोई भी छात्र इसे पढ़ और समझ सकता है. वास्तव में यह संदेश 5 लाख से अधिक प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के माता-पिता को राजनीतिक रूप से प्रभावित करने के लिए छापा गया है.
मार्क्सवादी विचार फैलाने का आरोप
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि पिछले 8 वर्षों के दौरान पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूल प्रबंधन समितियों का गठन करके, अत्यधिक राजनीतिक पीटीएम आयोजित करके, हैप्पीनेस क्लासेस या अतिरिक्त कक्षाओं जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करके दिल्ली सरकार के स्कूली छात्रों के माता-पिता को राजनीतिक रूप से प्रभावित करने की कोशिश की है लेकिन उनके उत्तराधिकारी आतिशी ने वो किया है जो सिसोदिया भी नहीं कर पाए. उन्होंने आतिशी की तस्वीर और संदेश की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह उनकी मार्क्सवादी विचार प्रक्रिया का एक हिस्सा है और एमसीडी के आयुक्त से आतिशी के संदेश वाली पुस्तकों के वितरण को रोकने की मांग की.
(इनपुट: एजेंसी)