चंडीगढ़: बिजली विभाग (Electricity Department) के प्राइवेटाइजेशन (Privatization) का विरोध (Oppose) करते हुए सोमवार की आधी रात से चल रही बिजली कर्मियों की हड़ताल (Electricians Strike) पर आखिरकार अंकुश लग चुका है. इस हड़ताल के कारण लोगों को कई परेशानियों (Troubles) का सामना करना पड़ रहा था.


बिजली संकट हुआ दूर


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आपको बता दें कि बिजली संघ (Power Union) ने अपनी हड़ताल (Strike) वापस ले ली है. अब ज्यादातर हिस्सों में बिजली की आपूर्ति (Power Supply) सामान्य हो गई है. इस हड़ताल की गंभीरता (Seriousness) को इस बात से समझा जा सकता है कि बिजली संकट (Power Crisis) को दूर करने के लिए भारतीय सेना (Indian Army) की मदद की जरूरत पड़ गई थी.


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80 पावर सेंटर्स हुए रिज्यूम


भारतीय सेना (Indian Army) के मुताबिक 80 पावर सेंटर्स (Power Centers) को रिज्यूम (Resumed) कर दिया गया है. बता दें कि चंडीगढ़ के उपराज्यपाल (Lt. Governor of Chandigarh) ने सेना से अनुरोध किया था. सेना ने बिजली आपूर्ति (Power Supply) के लिए दिल्ली (Delhi), जालंधर (Jalandhar) समेत दूसरी जगहों से कई टीमों (Teams) को बुलाया था. 


चंडीगढ़ में हुआ ब्लैकआउट 


बिजली कर्मियों की हड़ताल (Strike) के कारण पूरे चंडीगढ़ (Chandigarh) को ब्लैकआउट (Blackout) का सामना करना पड़ा. सोमवार को बिजली कर्मियों (Electricians) ने 72 घंटे की हड़ताल पर जाने का फैसला (Decision) किया. दरअसल बिजली विभाग (Electricity Department) का आरोप है कि प्रशासन (Administration) हाई कोर्ट के आदेशों (High Court Orders) के खिलाफ विभाग का प्राइवेटाइजेशन (Privatization) कर रहा है. 



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कई समस्याओं से घिरा शहर


बता दें कि बिजली (Power) ना होने की वजह से शहर में पानी (Water) की कमी (Shortage) हो गई थी. बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस (Online Classes) से लेकर वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) कर रहे लोगों तक सभी परेशान रहे. इन समस्याओं को देखते हुए प्रशासन ने ईस्ट पंजाब ईएसएमए (East Punjab Essential Services (Maintenance) Act) 1968 लागू कर 6 महीने तक बिजली विभाग के कर्मचारियों के हड़ताल करने पर रोक लगा दी है. 


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