नई दिल्ली: ई-संजीवनी ओपीडी (eSanjeevani OPD) में लोग घर बैठे कैसे इलाज करा सकते हैं, इसका पूरा डेमो सीजीएचएस मुख्यालय से 3 डॉक्टरों के पैनल के साथ दिया गया. कोरोना (Coronavirus) काल में यह ई-संजीवनी ओपीडी सेवा देश के मरीजों के लिए वरदान बन गई है. इस सेवा के जरिए हर दिन हजारों लोग एक्सपर्ट डॉक्टर्स का परामर्श ले रहे हैं.


वीडियो कॉल पर डॉक्टर से सीधे जुड़ें


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वीडियो कॉलिंग के जरिए डॉक्टर आप से सीधी जुड़ते हैं, बात करते हैं, आपकी जांच रिपोर्ट देखते हैं और आपको प्रिसक्रिप्शन यानी क्या दवाइयां लेनी हैं वो भी लिखते हैं. यह सब कुछ फ्री होता है. ई-संजीवनी ऐप या फिर पोर्टल के जरिए आप भी एक्सपर्ट डॉक्टर्स से परामर्श ले सकते है.


रजिस्ट्रेशन करना है बेहद आसान


अगर एक डॉक्टर दूसरे किसी एक्सपर्ट डॉक्टर से किसी बीमारी पर कंसल्टेशन करना चाहता है तो उसकी भी अलग से सुविधा है. बहुत आसान प्रक्रिया है, आपको बस पोर्टल पर या ऐप पर रजिस्ट्रेशन करके टोकन नंबर लेना होता है और उसके बाद आपको वीडियो कॉल करके डॉक्टर बात करते हैं. यदि आपके पास कोई जांच रिपोर्ट है तो वह भी आप अपलोड कर सकते हैं. डॉक्टर उसको भी देखते हैं और उसके बाद बीमारी पर सलाह देते हैं.


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ई-संजीवनी ओपीडी पर देशभर के इतने डॉक्टर


डॉक्टर की लिखी दवाइयों का प्रिसक्प्शन आपके पास पहुंच जाता है. आप उसको मोबाइल में सेव कर सकते हैं या प्रिंट आउट ले सकते हैं. ई-संजीवनी सेवा के तहत हर दिन 370 से ज्यादा ओपीडी हैं और रोजाना 1600 से ज्यादा डॉक्टर ओपीडी में मरीजों को परामर्श देते हैं. सातों दिन चलने वाली इस ओपीडी वाले प्लेटफॉर्म पर देशभर के कुल 18 हजार 200 डॉक्टर हैं.


अब तक इस प्लेटफॉर्म पर 55 लाख 36 हजार से ज्यादा कंसल्टेशन किए जा चुकें हैं. इसमें पेशेंट टू डॉक्टर 32 लाख 36 हजार और 23 लाख डॉक्टर टू डॉक्टर कंसल्टेशन हुए हैं. 


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बता दें कि केरल, मध्य प्रदेश में 24 घंटे, गुजरात, उत्तराखंड, केरल में 12 घंटे और बाकी जगहों पर ये ओपीडी सुबह 9 से 12 तक काम करती है. ये सुविधा त्रिपुरा, नागालैंड, सिक्किम, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप में नहीं है. CDAC ने इसको डिजाइन किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्यों में नेशनल हेल्थ मिशन के जरिए ये मुमकिन हो पा रहा है.


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