S Somnath: `एक दिन चांद पर मैन मिशन ले जायेंगे`, ज़ी न्यूज़ से बातचीत में बोले इसरो चीफ
ISRO Head interview: चंद्रयान की कामयाब लैंडिंग भारत के लिए अंतरिक्ष में मिली इतनी बड़ी कामयाबी है कि इसे इस बात से समझा जा सकता है कि दुनिया में 195 देश हैं लेकिन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला सिर्फ एक हिंदुस्तान है.
ISRO Chief Statement: चंद्रयान 3 की कामयाब लैंडिंग यानी चांद के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) पर अपने निशान छोड़ने के बाद चांद के निरीक्षण का काम तेजी से चल रहा है. विक्रम लैंडर (Vikram Lander) से प्रज्ञान रोवर (Pragyaan Rover) बाहर आ चुका है वो अबतक 6 बड़े मूवमेंट कर चुका है. रोवर प्रज्ञान के बाहर आते ही भारत स्पेस का बाजीगर बन गया है. इस बीच, इसरो (ISRO) के चेयरमैन एस. सोमनाथ (S. Somnath) ने ज़ी मीडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत करने हुए कहा, 'चंद्रयान-3 की कामयाबी इसरो की भारतीय टेक्नोलॉजी का कमाल है. उन्होंने ये भी कहा कि एक दिन हम चांद पर मैन मिशन भी भेंजेगे.
ISRO के नए प्लान का ऐलान जल्द
ज़ी न्यूज़ संवाददाता प्रणय से बातचीत में चंद्रयान-3 की लैंडिंग की कामयाबी की कहानी सुनाते हुए उन्होंने कहा, 'आखिरी पलों में टेंप्रेचर और स्पीड का ध्यान रखना जरूरी था. हम उसमें सफल रहे. लैंडिग के समय डस्ट कैसे लैंडर को प्रभावित कर सकती है ऐसे कई मैकेनिज्म पर हमने काम किया था. उसका फायदा हमें मिला. हमने रैम का सही डेपलॉयमेंट किया. लैंडर को बाहर निकालने में कई परेशानियां थीं. उनमें से एक हमारे ग्राउंड स्टेशन से विजिबिलिटी थी उसका भी ध्यान रखा. कई टीम के क्वार्डिनेशन से जब लैंडर बाहर निकला उस समय भी कुछ चेकिंग करने की जरूरत थी. आधे घंटे में तीस से चालीस डिग्री टेंपरेचर कम हो जाएगा. हमने इसका ध्यान रखा था. इस तरह हम हर जगह कामयाब रहे. लेट नाइट हमारा रोवर बाहर आ गया. यानी लैंडिंग के बाद करीब चार घंटे से ज्यादा का वक्त लगा उसे बाहर आने में.'
14 दिन की मिशन लाइफ में क्या होगा?
इस सवाल के जवाब में इसरो चीफ ने कहा, ' अभी तक कोई एक्सपेरिमेंट शुरू नहीं हुआ है. इस पर हम आज रणनीति बनाएंगे. आज देखते हैं कि क्या होता है.' वहीं रोवर के मूवमेंट की टेस्टिंग को लेकर सोमनाथ ने कहा इस पर काम चल रहा है इस पर आज शाम तक कुछ कहना सही रहेगा. अभी बैटरी चार्जिंग हो रही है. लैंडिंग साइट यही क्यों चुनी गई इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'सूरज की रोशनी के लिहाज से ये एक अच्छी लोकेशन थी. यानी अगले 14 दिन तक इस पूरे एरिया में कोई शैडो नहीं होगी. कोई हिल या माउंटेन किसी की भी छाया उधर नहीं पड़ेगी. इस काम में बहुत एनर्जी यानी बैटरी की जरूरत पड़ेगी. हमने जरूरत पड़ने के हिसाब से कई इंतजाम कर रखे हैं. इस हिसाब से इस क्षेत्र पर ध्यान दिया गया. ये इलाका साउथ पोल के नजदीक है तो इसलिए हमें कुछ ज्यादा साइंटिफिक कंटेट मिल सकते हैं.
पीएम ने आपको फोन किया क्या कहेंगे?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'PM ने जो कुछ कहा वो सबने सुना. सोशल मीडिया पर भी है. तब मैंने उनसे कहा, इस सपोर्ट के लिए बहुत थैंक्यू सर. पीएम जब यहां आएंगे तो चंद्रयान 3 के जितने भी कोर लोग हैं. जैसे सारे मिशन डायरेक्टर से उनका परिचय कराएंगे. इसके अलावा वो जो जानकारी चाहेंगे उन्हें हर पहलू के बारे में बताया जाएगा.हम इस पूरे प्रॉसेस को कैसे कंट्रोल करते हैं. सब उन्हें बताएंगे.'
फ्यूचर मिशन
आदित्य L-1 मिशन के बाद हम जो करेंगे. उसमें क्लाइमेट ऑबजर्वेशन पर काम करेंगे. सेटेलाइट के जरिए क्लाउड कवर, वेदर इनफॉर्मेशन और रेन इनफॉर्मेशन पर काम करेंगे. गगनयान के कई लॉन्च होंगे. अगले साल की शुरुआत में नासा के साथ काम करेंगे.
2025 तक पहुंचा पाएंगे गगनयान?
इसरो चीफ ने इस सवाल के जवाब में कहा- Sure. पूरा देश जश्न मना रहा है, आपने पार्टी की? इस सवाल के जवाब में सोमनाथ ने कहा कि हम पूरी रात काम करते रहे. आगे भी करेंगे. देश को ऐसे और बहुत से मौके मिलेंगे.
क्या सितारों के आगे जहां और भी हैं?
अपने इंटरव्यू के आखिर में उन्होंने कहा, हां एक दिन भारत अंतरिक्ष में अपना मैन मिशन का काम जरूर पूरा करेगा.