China-India Relations: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर गुजरात के आईआईएम अहमदाबाद में छात्रों को भारतीय विदेश नीति पर संबोधित किया और चीन के साथ सीमा विवाद पर कई अहम बातें कही. उन्होंने कहा चीन की चुनौती के सामने हम अड़े रहे. दुनिया ने माना भारत अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम है.


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'दुनिया ने माना भारत का रुख'


विदेश मंत्री ने कहा, '2 साल पहले, कोविड के बीच चीन न समझौते का उल्लंघन करते हुए चाल चली थी. लेकिन हम अपनी जमीन पर खड़े रहे और बिना किसी रियायत के इस पर काम कर रहे हैं. दुनिया ने माना कि देश अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम है. एस जयशंकर ने कहा-  'मुद्दा ये नहीं है कि हमारे बीच अच्छे संबंध होने चाहिए या नहीं. हम अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन अच्छे संबंध हमारे राष्ट्रीय हित की कीमत पर नहीं हो सकते. ये एक अशांत सीमा की कीमत पर नहीं हो सकते हैं.'


'हमने स्वतंत्र रुख अपनाया'


विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख के बारे में बोलते हुए कहा, 'यूक्रेन युद्ध पर स्वतंत्र रुख अपना कर भारत ने कई देशों की भावनाओं को व्यक्त किया है.' उन्होंने कहा कि इस तरह की परिस्थितियों में देशों पर कोई एक पक्ष चुनने का भारी दबाव रहता है. अगर हमने स्वतंत्र रुख अपनाया है, यानी हमने हमारे लोगों के कल्याण के दृष्टिकोण से जिन फैसलों को सही समझा, वही फैसला लिया है, इस बात की पूरी दुनिया ने सराहना की है.


'भारत जमीनी स्तर पर मजबूत'


उन्होंने कहा, ‘दो साल पहले महामारी के बीच में चीन ने समझौते का उल्लंघन करते हुए हमारी सीमा के करीब सैनिक तैनात कर दिए. हम अपने रुख पर कायम रहे और दो साल से हम उस पर काम कर रहे हैं, कोई नरमी नहीं बरत रहे हैं और मुझे लगता है कि विश्व ने इसकी (हमारे रुख की) सराहना की है.’ उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय ने देखा कि भारत जमीनी स्तर पर मजबूत और अपने हितों को सामने रखने में मुखर भी हो सकता है.


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