सूरत: पद्म श्री सम्मान से सम्मानित प्रख्यात स्तंभकार नगीनदास सांघवी (Nagindas Sangvi) का गुजरात के सूरत में रविवार को निधन हो गया. उनके रिश्तेदारों ने ये जानकारी दी. उन्हें उम्र संबंधी परेशानियां थीं वो 100 साल के थे.


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मुबंई विश्वविद्यालय के कई महाविद्यालयों में राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर रहे सांघवी ने समसामयिक राजनीतिक मुद्दों और महात्मा गांधी पर कई पुस्तकें लिखी थीं. गुजराती अखबारों में उनके लेख काफी पढ़ा जाता था.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘श्री नगीनदास सांघवी ज्ञानवान लेखक और चिंतक थे. उनके आलेखों और पुस्तकों में इतिहास एवं दर्शनशास्त्र का ज्ञान होता था और उनमें राजनीतिक घटनाक्रमों के विश्लेषण का असाधारण कौशल था. मुझे उनके निधन से दुख हुआ है. शोकसंतप्त परिवार एवं उनके पाठकों के लिए मेरी संवेदना है.’ पीएम मोदी ने ट्वीट गुजराती भाषा में किया.



गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सांघवी को एक ऐसा व्यक्ति बताया जिन्होंने सामाजिक जीवन तथा देश एवं दुनिया के सामने मौजूद समस्याओं का गहन निरीक्षण किया और उनमें मुद्दों का गहराई से विश्लेषण करने की क्षमता थी. रूपाणी ने कहा कि उनके निधन से पत्रकारिता को गहरी क्षति हुई है.


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वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि सांघवी श्रेष्ठ समसामयिक लेखकों में से एक थे.


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