Cinema Hall Opening Again in Kashmir: जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही लगातार कश्मीर में भी बदलाव की बयान दिखाई दे रही है. इसी कड़ी में श्रीनगर तीन दशक बाद मल्टीप्लेक्स शुरू होने जा रहा है. शहर में सितंबर में इसकी शुरुआत होगी. फिल्हाल  मल्टीप्लेक्स में लोगों के स्वागत की तैयारियां जोरों पर चल रहीं हैं. लोगों के स्वागत के लिए मल्टीप्लेक्स को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है. हालांकि जब तक यह मल्टीप्लेक्स शुरू होगा तब तक यहां ठंड आ चुकी होगी. घाटी में सर्दियां काफी अधिक होती हैं और तापमान शून्य से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है. इस दौरान श्रीनगर में भारी बर्फबारी होती है, लेकिन सिनेमा मालिकों का उम्मीद है कि ठंड के मौसम में भी उनका काम चलेगा. सिनेमा हॉल के मालिक विजय धर ने कहा कि, “उन्हें लगता है कि मल्टीप्लेक्स सिनेमा सर्दियों में ही ज्यादा चलेगा. हमने हॉल में सेंट्रल हीटिंग सिस्टम और कूलिंग की व्यवस्था भी की है.”


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आईनॉक्स ने डिजाइन किया यह सिनेमा हॉल


1990 के दशक में, जब कश्मीर में सिनेमाघर मौजूद थे, तब हॉल में हीटिंग की व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में लोग फिल्म खत्म होने तक दरवाजा बंद कर देते थे और इससे हॉल अपने आप गर्म हो जाता था. लेकिन इस नए मल्टीप्लेक्स में ऐसा कुछ नहीं है. इसे श्रीनगर के धार परिवार और आईनॉक्स, के प्रमुख फिल्म वितरकों में से एक, ने मल्टीप्लेक्स बनाने के लिए मिलकर काम किया है. इस मल्टीप्लेक्स में एक साथ कम से कम 520 लोगों के बैठने की क्षमता है. इसके अंदर 3 मूवी थिएटर हैं और प्रत्येक में नवीनतम साउंड सिस्टम और बैठने की आरामदायक सुविधा है.


पहले 2 हॉल का होगा उद्घाटन


मल्टीप्लेक्स मालिक धर ने बताया कि "हम सितंबर में दो हॉल का उद्घाटन करने के लिए तैयार हैं और एक हॉल को बाद में खोला जाएगा." इस मल्टीप्लेक्स को शुरू करने के उद्देश्य के बारे में पूछे जाने पर धर ने कहा कि कश्मीर के युवा भी मनोरंजन चाहते हैं.  हमारे युवा सिनेमा में बॉलीवुड देखने के लिए दिल्ली या मुंबई क्यों जाएंगे. ये फिल्में हमारे अपने हॉल में क्यों नहीं हो सकतीं. उन्होंने बताया कि इस मल्टीप्लेक्स के लिए टिकट खरीदने का तरीका ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों होगा. हॉल में एक बार में तीन अलग-अलग फिल्में दिखाई जाएंगी.


कश्मीरी संस्कृति को भी बढ़ावा देना


धर ने कहा कि मल्टीप्लेक्स के डिजाइन में पेपर-माचे और खातंबंद सीलिंग के रूप में कश्मीरी संस्कृति का रंग होगा. उन्होंने कहा कि फूड कोर्ट के जरिए स्थानीय व्यंजनों को भी बढ़ावा दिया जाएगा. हमारी कोशिश इसके जरिये कश्मीरी संस्कृति को बढ़ावा देने की है. यहां ज्यादा से ज्यादा लोकल टच दिया जाएगा.


सुरक्षा हो सकती है एक बड़ी चुनौती


कश्मीरी थिएटर कलाकार ताहिर नज़र ने बताया कि सुरक्षा का मुद्दा चुनौती हो सकता है. "एक बार जब यह मल्टीप्लेक्स फिल्म देखने वालों के लिए खुलेगा तो मुझे लगता है कि सिनेमा हॉल के पास सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की जरूरत होगी, ताकि वहां आने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके."


1999 में हुई थी कोशिश, लेकिन नहीं बनी बात



बता दें कि ये सिनेमा हॉल घाटी में 32 साल बाद शुरू हो रहा है. इससे पहले 1980 के दशक की बात करें तो यहां कुल 15 सिनेमा हॉल थे, जिनमें से 9 श्रीनगर में थे. इसमें सबसे फेमस सिनेमाघर श्रीनगर में ब्रॉडवे सिनेमा, रीगल सिनेमा, नीलम सिनेमा और पैलेडियम सिनेमा था. घाटी में बढ़ते आतंक के साये में ये सभी बंद हो गए. इनमें से अधिकांश थिएटर सुरक्षा बलों के शिविरों में बदल गए हैं, जबकि अन्य को होटल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और यहां तक कि एक को तो अस्पताल में बदल दिया गया है.1999 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला सरकार ने सिनेमा हॉल को फिर से खोलने की कोशिश की. तब उन्होंने रीगल, नीलम और ब्रॉडवे को फिल्मों की शूटिंग शुरू करने की अनुमति दी थी, लेकिन रीगल सिनेमा में पहले शो के दौरान एक आतंकवादी हमला हो गया, जिससे एक शख्स की मौत हो गई और 12 घायल हो गए. इसके बाद से कभी मल्टीप्लेक्स खुल नहीं सके. 


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