असम में बाढ़ की स्थिति में रविवार को सुधार हुआ और 10 जिलों में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या घटकर 1.30 लाख रह गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. प्रदेश में ब्रह्मपुत्र समेत दो प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. विभिन्न मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों वाली एक केंद्रीय टीम ने इस साल दो बार आई बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य का दौरा किया.


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केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव मिहिर कुमार की अगुवाई में एक दल ने कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अजय तिवारी ने केंद्रीय टीम को बाढ़ की स्थिति से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि चक्रवात रेमल के कारण बाढ़ की पहली लहर आई और प्रदेश में अब तक दो बार बाढ़ की समस्या पैदा हुयी है.


दूसरी तरफ, अधिकारियों ने बताया कि राज्य के 10 जिलों के 23 राजस्व सर्किल और 423 गांवों में 1.30 लाख से अधिक लोग अब भी प्रभावित हैं. उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों में कामरूप, मोरीगांव, डिब्रूगढ़, शिवसागर, गोलाघाट, नगांव, धेमाजी, गोलपाड़ा, कामरूप मेट्रोपॉलिटन और कछार शामिल हैं. उन्होंने बताया कि नगांव सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 72,000 से अधिक लोग अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं. प्रदेश में शुक्रवार तक 10 जिलों में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या 2.07 लाख थी. इस वर्ष असम में बाढ़, भूस्खलन, बिजली और तूफान से मरने वालों की संख्या 113 है. (इनपुट भाषा से)