91 साल के पूर्व PM मनमोहन सिंह ने राज्यसभा से की ऐसी गुजारिश, एक भी सांसद इनकार न कर सका
Manmohan Singh: इस समय संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री ने मनमोहन सिंह खराब स्वास्थ्य के कारण फिलहाल संसद आने में असमर्थ हैं. इसके चलते उन्होंने राज्यसभा के सभापति से कुछ दिन की छुट्टी मांगी है.
Leave Request In Rajya Sabha: देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने स्वास्थ्य कारणों की वजह से सार्वजनिक जीवन में अब कम ही दिखाई देते हैं. इसी बीच उन्होंने राज्यसभा चेयरमैन से अपने लिए छुट्टी की मांग की है. असल में 91 वर्षीय राज्यसभा सांसद मनमोहन सिंह का यह अनुरोध राज्यसभा ने स्वीकार कर लिया है. पूर्व प्रधानमंत्री की छुट्टी का विषय गुरुवार को राज्यसभा में रखा गया. राज्यसभा में सभी दलों व सांसदों ने एकमत से पूर्व प्रधानमंत्री की छुट्टियां स्वीकृति करने का निर्णय किया है. यह ऐसा अनुरोध है जिस पर शायद ही कोई सदस्य विरोध करेगा, और ऐसा हुआ भी, किसी ने कोई आपत्ति नहीं जताई है.
जगदीप धनखड़ ने सदन में इसकी जानकारी रखी
असल में इस समय संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री ने मनमोहन सिंह खराब स्वास्थ्य के कारण फिलहाल संसद आने में असमर्थ हैं. इसके चलते उन्होंने राज्यसभा के सभापति से कुछ दिन की छुट्टी मांगी है. गुरुवार को सदन की कार्यवाही के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में इसकी जानकारी रखी. उन्होंने राज्यसभा के उपस्थित सांसदों को बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खराब स्वास्थ्य के कारण संसद के इस सत्र में हिस्सा नहीं ले सकते.
6 से 22 दिसंबर तक की छुट्टी
इस दौरान सभापति ने बताया कि मनमोहन सिंह ने 6 दिसंबर से लेकर 22 दिसंबर तक की छुट्टी मांगी है. मनमोहन सिंह द्वारा आधिकारिक तौर पर यह छुट्टियां मेडिकल ग्राउंड पर मांगी गई. मालूम हो कि पिछली बार राज्यसभा में मनमोहन सिंह तब दिखाई दिए थे जब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा में भाग लेने के लिए वे व्हीलचेयर पर संसद पहुंचे थे. उस समय उनके खराब स्वास्थ्य के बावजूद संसद में आना राजनीतिक गलियारों में बहस का मुद्दा बन गया था.
उस समय जहां विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने उनकी तारीफ की थी तो वहीं बीजेपी ने इसको लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था. कांग्रेस ने सफाई में कहा था कि राज्यसभा में डॉ. मनमोहन सिंह ईमानदारी की मिसाल बनकर खड़े हुए और विशेष रूप से काले अध्यादेश के खिलाफ वोट करने आए. तो वहीं बीजेपी ने कहा था कि कांग्रेस की ये सनक देश याद रखेगा. सिर्फ अपना बेईमान गठबंधन जिंदा रखने के लिए कांग्रेस ने सदन में स्वास्थ्य की ऐसी स्थिति में भी पूर्व पीएम को व्हीलचेयर पर बैठाए रखा था.