G20 Meet In Kashmir: कश्मीर में G20 बैठक का चीन ने किया विरोध, तुर्की, सऊदी अरब ने अभी तक नहीं कराया रजिस्ट्रेशन
G20 Tourism Working Group Meeting: चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, `चीन विवादित क्षेत्र पर किसी भी प्रकार की जी20 बैठक आयोजित करने का दृढ़ता से विरोध करता है ... हम ऐसी बैठकों में शामिल नहीं होंगे.`
Jammu and Kashmir: श्रीनगर में G20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक सोमवार से शुरू होने जा रही है. हालांकि शुक्रवार तक, तीन देशों- चीन, तुर्की और सऊदी अरब- ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था. बीजिंग से पीटीआई की एक रिपोर्ट में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन के हवाले से कहा गया है: ‘चीन विवादित क्षेत्र पर किसी भी प्रकार की जी20 बैठक आयोजित करने का दृढ़ता से विरोध करता है ... हम ऐसी बैठकों में शामिल नहीं होंगे.‘
22 मई तक खुली रहेगी पंजीकरण की प्रक्रिया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि, केंद्रीय पर्यटन सचिव अरविंद सिंह ने कहा कि पंजीकरण की प्रक्रिया 22 मई की सुबह तक जारी रहेगी. अधिकारियों ने पुष्टि की कि शेष देशों के प्रतिनिधियों ने तीन दिवसीय आयोजन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है .
G20 में शामिल हैं ये देश
बता दें भारत के अलावा, G20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.
अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बड़ी इंटरनेशनल इवेंट
बता दें अगस्त 2019 में राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था और संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत इसकी विशेष स्थिति को रद्द कर दिया गया था.इसके बाद से श्रीनगर जी20 बैठक जम्मू और कश्मीर में पहली बड़ी इंटरनेशनल इवेंट होगी.
इसके अलावा फिल्म टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसे यूटी प्रशासन पिछले कुछ वर्षों में बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रहा है.
गृह मंत्रालय कर रहा सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी
इस बीच, श्रीनगर में जी 20 बैठक से पहले, अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी सीधे गृह मंत्रालय द्वारा की जा रही है और शहर को प्रतिनिधियों की मेजबानी के लिए सजाया गया है.अधिकारियों ने कहा कि होटल के कर्मचारियों और आपातकालीन सेवा प्रदाताओं को भी जागरूक किया गया है.