नई दिल्‍ली: गलवान (Galwan)  घाटी में हुई हिंसा के सात महीने बाद गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021)  से पहले गलवान में शहीद हुए (Galwan martyrs)  20 जवानों के नाम नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial में अंकित कर दिए गए हैं.  ये वॉर मेमोरियल उन शहीद सैनिकों की याद में बनाया गया है, जो  आजादी के बाद हुए युद्धाें में वीरगति को प्राप्‍त हुए. 


गलवान घाटी में हुई हिंसा में शहीद हुए थे 20 जवान 


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पिछले साल 2020 में 15 जून को भारतीय सेना के जांबाज वीरों (Galwan Martyrs) ने गलवान  घाटी में चीन को कड़ा सबक सिखाया था. गलवान घाटी में हुई हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में अतिक्रमण की साजिश की थी लेकिन भारतीय सेना ने इस कोशिश को नाकाम कर दिया.  गलवान में हुई हिंसा में भारतीय सैनिकों ने चीन 40 से अधिक सैनिकों को मार गिराया था. हालांकि चीन की तरफ से कभी सार्वजनिक नहीं किया गया कि उसके कितने सैनिक मारे गए हैं. 


गलवान (Galwan)  घाटी में 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी संतोष बाबू समेत 20 भारतीय सैन्यकर्मी 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हो गए थे. शहीद हुए वीर सैनिकों को याद करते हुए इनके नाम नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial)  पर अंकित कर दिए गए हैं. 



पीएम मोदी ने साल 2019 में किया था नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन


25 फरवरी 2019 को नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था. आजादी के बाद हुए युद्धों और स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जान देने वाले 26,000 सैनिकों के सम्मान में इंडिया गेट के ठीक सामने नेशनल वॉर मेमोरियल बनाया गया है. पिछले साल से देश के शहीद हुए सैनिकों को गणतंत्र दिवस के मौके पर इंडिया गेट पर नहीं, नए बने वॉर मेमोरियल पर ही श्रद्धांजलि दी जा रही है. 


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15 जनवरी को आर्मी डे के मौके पर सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने भी कहा था कि कि गलवान में शहीद हुए जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. 


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