Sonamarg Attack: जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में 25 साल बाद आतंक की वापसी हुई है. रविवार रात आतंकियों ने 7 लोगों की हत्या कर दी और 5 लोगों को घायल कर दिया. एप्को कंस्ट्रक्शन कंपनी इस समय 2014 से जेड मोड़ सुरंग का निर्माण कर रही है. यह पहली बार है कि आतंकियों ने इन लोगों को निशाना बनाया है.


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रविवार शाम करीब 7.30 बजे गंगगीर गांव के लोग अपने नियमित काम में व्यस्त थे, तभी आतंकों ने सुरंग के नीचे स्थित एप्को कंस्ट्रक्शन कंपनी के रिहायशी क्वॉर्टर पर हमला कर दिया.


कैंप में घुसे और शुरू कर दी गोलीबारी


रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारी हथियारों से लैस दो-तीन आतंकी पीछे की तरफ से कैंप में घुसे और गोलीबारी शुरू कर दी. गोलीबारी जारी रखते हुए वे स्टाफ मेस में घुस गए, जहां सुरंग निर्माण कंपनी के कर्मचारी खाना खा रहे थे. उन्होंने 12 लोगों को घायल कर दिया. बाद में 12 में से 7 की मौत हो गई और 5 का इलाज श्रीनगर के स्किम्स इंस्टीट्यूट में चल रहा है. कैंप के आस-पास रहने वाले लोगों ने जी न्यूज से खास बातचीत की.


स्थानीय निवासी अकबर ने कहा, 'मैंने कुछ आवाजें सुनीं और हमें लगा कि ये पटाखे हैं और आधी रात को हमने कैंप किया और पता चला कि हमला हुआ है. गांव के लोग डरे हुए हैं, हमने ऐसा हमला पहली बार देखा है.' 


'हमने सोचा शादी है'


मोहम्मद सिद्दीक ने कहा, 'हमने सोचा कि शादी है, लेकिन सुबह हमें हमले के बारे में पता चला. उन्होंने कहा ऐसा नहीं होना चाहिए. इस बीच हमलावरों को पकड़ने के लिए गगनगीर, कंगन और गांदरबल इलाकों में तीन बड़े गांवों की घेराबंदी कर दी गई है. जिले के गगनगीर इलाके में जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी), सेना और अर्धसैनिक बलों की संयुक्त टीम की ओर से बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.


सूत्रों के अनुसार, आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि डॉक्टर समेत पांच अन्य घायल हो गए. मृतकों की पहचान पंजाब के गुरदासपुर के गुरमीत सिंह, बडगाम के डॉ. शाहनवाज, अनिल कुमार शुक्ला, फहीम नजीर, शशि अबरोल, मोहम्मद हनीफ और कलीम के रूप में हुई है. इलाके के निवासी और अनंतनाग के सांसद ने कहा कि यह हमारे लिए आश्चर्य की बात है कि यह इलाका हमेशा अहिंसक रहा है.


'हमले ने हमें चौंका दिया'


सांसद मियां अल्ताफ ने कहा, वास्तव में इस इलाके में हुए हमले ने हमें चौंका दिया. हमने यहां कभी हिंसा नहीं देखी और खासकर जिस जगह पर हमला हुआ वह चिंता का विषय है. अधिकारियों को यह देखना होगा कि यह सब कैसे हुआ.


हमले के जवाब में सरकार ने एनआईए जांच के आदेश दिए और दो टीमों ने घटनास्थल का दौरा किया. इसके अलावा कश्मीर जोन में काम कर रही सभी सुरक्षा एजेंसियों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जो सोमवार देर शाम तक जारी रहा. तलाशी अभियान को रोक दिया गया है, लेकिन हमलावरों को पकड़ने के लिए गांदरबल के वायल इलाके से गगनगीर इलाके तक मोबाइल चेक पोस्ट बरकरार हैं. 


सुरक्षा बलों के सूत्रों का कहना है कि हमलावर विदेशी आतंकवादी हो सकते हैं जो स्थानीय ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और इस हमले के पीछे टीआरएफ आतंकवादी संगठन का हाथ होने का संदेह है. टीआरएफ ने सोशल मीडिया के जरिए हमले की जिम्मेदारी भी ली है.


जांच में जुटीं एजेंसियां


इस बीच अधिकारियों ने हमले की एनआईए जांच के भी आदेश दिए और NIA की एक टीम गगनगीर घटनास्थल पर पहुंच गई है. अधिकारियों ने बताया कि एनआईए इस हमले के सभी संभावित पहलुओं की जांच करेगी. एनआईए के अलावा सुरक्षा एजेंसियों, सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम भी हमले की जांच करेगी.


उत्तरी कश्मीर की सीमाओं पर पाकिस्तान लगातार सर्दियों की शुरुआत से पहले आतंकवादियों को इस तरफ धकेलने की कोशिश कर रहा है. रिपोर्ट बताती है कि करीब 150 प्रशिक्षित आतंकवादी घुसपैठ के लिए तैयार लॉन्चिंग पैड पर हैं. शनिवार को उरी सेक्टर के कमालकोट इलाके में सेना ने घुसपैठ की बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया और एक अत्यधिक हथियारों से लैस पाकिस्तानी आतंकवादी को मार गिराया, उसके शरीर से भारी मात्रा में सामान बरामद किया गया. 


इस हमले ने सुरक्षाबलों की चिंता और चुनौती बढ़ा दी है और शिविरों, सरकारी परियोजनाओं और क्षेत्र में टारगेट किलिंग की आशंका बढ़ गई है. चार दिन पहले ही शोपियां जिले में एक मजदूर की गोलियों से छलनी लाश मिली थी. पूरे कश्मीर में सुरक्षा को हाई अलर्ट पर रखा गया है और अतिरिक्त बैरिकेड्स लगाए गए हैं और कश्मीर में आगे की आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए मोबाइल चेक पोस्ट लगाए गए हैं.


पत्नी से बात करते हुए लगी गोली


'मुझे गोली लग गई है...'. ये आखिरी शब्द उस मजदूर के हैं, जो करवा चौथ के दिन रविवार रात जम्मू-कश्मीर के गांदरबल के हुए आतंकी हमले में मारा गया. ऐसा लगता है कि जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनावों के बाद बनी सरकार और स्थिरता की वजह से आतंकी बौखला गए हैं. लिहाजा उन्होंने रविवार को गोलियां बरसाकर एक अंडर कंस्ट्रक्शन टनल में काम कर रहे 7 लोगों को मौत के घाट उतारा डाला. 


जिस वक्त यह हमला हुआ, तब एक मजदूर गुरमीत सिंह अपनी पत्नी से फोन पर बात कर रहे थे. रविवार को गुंड में एक निर्माणाधीन सुरंग पर हुए आतंकवादी हमले में कश्मीर के एक चिकित्सक और छह गैर-स्थानीय मजदूरों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग घायल हो गए. गुरमीत सिंह (45) पंजाब के गुरदासपुर जिले के सखोवाल गांव के रहने वाले थे और एक कंपनी में निर्माण मजदूर के रूप में काम करते थे. गुरमीत के पिता धरम सिंह ने कहा, "जब यह घटना हुई, तब वह मोबाइल फोन पर अपनी पत्नी से बात कर रहा था... उसने अपनी पत्नी को बताया कि उसे गोली लग गयी है." 


धरम सिंह ने बताया कि परिवार को बाद में बताया गया कि उसकी मौत हो गई है. उन्होंने बताया कि गुरमीत पिछले पांच वर्षों से कश्मीर में रह रहा था और कई वर्षों से कंपनी से जुड़ा हुआ था. एक अन्य रिश्तेदार ने कहा कि गुरमीत की कमाई से परिवार का खर्च चलता था और उन्होंने राज्य सरकार से उन्हें हरसंभव सहायता देने का आग्रह किया. रिश्तेदार ने बताया कि गुरमीत के परिवार में पत्नी, दो बेटियां, एक बेटा और माता-पिता हैं. 


(एजेंसी इनपुट के साथ)