Indirapuram Property Dispute: पिछले कुछ सालों में जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं और लाखों की जमीन अब करोड़ों की हो गई हैं. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि करोड़ों की जमीन आपको लाखों में मिल जाए. आपको जानकर हैरानी होगी कि ऐसा मुमकिन हुआ है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक महिला को 7 करोड़ रुपये का प्लॉट मात्र 3.8 लाख रुपये में मिल गया है. लेकिन, इसके लिए महिला को 36 साल का इंतजार करना पड़ा और  लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी. महिला इस जमीन के लिए कंज्यूमर कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गई. हालांकि, अब महिला को वो जमीन मिल गई है. तो चलिए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है और महिला को कैसे 7 करोड़ की जमीन 3.8 लाख रुपये में मिल गई.


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कंज्यूमर कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला


दरअसल, लता जैन नाम की महिला ने साल 1988 में नर्सिंग होम बनाने के लिए गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एक प्लॉट बुक किया था. इसके बाद गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने उन्हें एक प्लॉट आवंटित किया, लेकिन यह विवादित था. इसके बाद लता जैन उपभोक्ता फोरम चली गईं, जिसने उनके पक्ष में फैसला सुनाया. लेकिन, मामला यहीं नहीं रुका और कानूनी लड़ाई चलती रही. इसके बाद लता जैन हाई कोर्ट पहुंच गईं और कोर्ट ने कंज्यूमर कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. हालांकि, इसके बाद भी विवाद खत्म नहीं हुआ और वो सुप्रीम कोर्ट चली गईं. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसले को बरकरार रखा है.


3.8 लाख रुपये में मिलेगा 7 करोड़ का प्लॉट


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लता जैन को इंदिरापुरम के न्याय खंड-1 में स्थित प्लॉट नंबर 1 सिर्फ 3.8 लाख रुपये में मिलेगा, जिसकी मौजूदा कीमत 7 करोड़ रुपये है. सुप्रीम कोर्ट ने कंज्यूमर कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) को लता जैन को 1988 के बाजार मूल्य पर 500 वर्गमीटर का प्लॉट आवंटित करने का निर्देश दिया है. इसके बाद जीडीए को प्लॉट 3.8 लाख रुपये में आवंटित करना होगा, जिसकी मौजूदा बाजार मूल्य 7 करोड़ रुपये है.