Mukhtar Ansari gangster case: मुख्तार अंसारी पर गैंगेस्टर मामले में गुरुवार (26 अक्टूबर) को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court Gazipur) कोर्ट अपना फैसला सुनायेगी. 2009 में हुई हत्या और हत्या के प्रयास के एक मामले पर सभी की निगाहें कोर्ट की ओर टिकी हुई हैं. आपको बताते चलें कि साल 2009 में करंडा थाना क्षेत्र के कपिलदेव सिंह की हत्या हुई थी. 2009 में ही मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के मीर हसन ने मुख्तार अंसारी पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था. इन दोनों मामलों को मिलाकर कानूनी जांच आगे बढ़ी. फिर 2010 में गैंगचार्ट और करंडा थाने में मुख्तार अंसारी पर गैंगेस्टर का मामला दर्ज हुआ था. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या है पूरा मामला?


इस मामले में बहस पूरी होने के बाद गाजीपुर की विशेष कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर गांव के रहने वाले कपिलदेव सिंह एक शिक्षक थे. अपने मिलनसार स्वाभाव और लोगों के मददगार होने के कारण बड़ी दूर-दूर तक  कपिलदेव सिंह का नाम मशहूर था. रिटायर्ड होने के बाद वो गांव में ही रहते थे.  2009 में सुवापुर गांव के रहने वाले एक अपराधिक छवि के व्यक्ति के घर पर कुर्की की कार्रवाई हुई. जिसमें पुलिस ने कुर्की के दौरान घर में मौजूद सामानों की लिस्ट बनाने के लिए कपिलदेव सिंह को ही मौके पर बुलाया था. उन्होंने पुलिस के कहने पर जब्त किए गए सामान की लिस्ट बनाई थी.


उसी दौरान  उस अपराधी को लगा कि कपिलदेव सिंह ने ही उसकी मुखबिरी की थी यानी वो पुलिस से मिले हुए है. इस शक के बिनाह पर उनकी हत्या कर दी गई. मुख्तार के वकील लियाकत अली के मुताबिक इस हत्या के दौरान मुख्तार जेल में बंद था. इस हत्या के मामले में विवेचना अधिकारी ने विवेचना में दौर एफआईआर में मुख्तार का नाम जोड़ा था. हालांकि इस हत्या के मूल केस में मुख्तार पहले ही बरी हो चुका है. अब इस हत्याकांड और मीर हसन के हत्या के प्रयास के मामले को जोड़ते हुए मुख्तार पर चल रहे गैंगस्टर ऐक्ट के मामले में फैसला आना है.


कई मामलों में दोषी है मुख्तार


समय बड़ा बलवान होता है. वो अच्छे अच्छों की हेकड़ी निकाल देता है. जिस मुख्तार के नाम से कभी पूरा इलाका थर-थर कांपता था आज वो जेल में मायूस दिखता है. उससे जुड़े एक और मामले की बात करें तो यूपी के बाराबंकी जिले की MP-MLA कोर्ट में बुधवार को बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की बांदा जेल से वर्चुअल पेशी हुई. फर्जी एंबुलेंस मामले में मुख्तार के साथ ही उसके दो नामजद गुर्गों की भी पेशी कोर्ट में हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए मुख्तार अंसारी, जज के सामने उदास, सुस्त और बीमार दिखा.