गलत तथ्य पेश कर रहा Global Times, भारतीय विदेश मंत्रालय ने दी ये चेतावनी
भारतीय सेना ने चीन के झूठ का खुलासा किया है. चीन LAC पर लगातार समझौते का उल्लंघन कर रहा है और भारत ने उकसावे की कार्रवाई नहीं की.
नई दिल्ली: भारतीय सेना ने चीन के झूठ का खुलासा किया है. चीन LAC पर लगातार समझौते का उल्लंघन कर रहा है और भारत ने उकसावे की कार्रवाई नहीं की. प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को हालात की जानकारी दी गई है. इसी बीच, भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स की आलोचना की है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन का अखबार ग्लोबल टाइम्स गलत तथ्य पेश कर रहा है.
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, 'हमने ग्लोबल टाइम्स और चाइना डेली की रिपोर्ट्स देखी हैं. इनमें भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के संबंध में कुछ टिप्पणियां की गई हैं. ये रिपोर्ट्स पूरी तरह से गलत हैं और तथ्यों पर आधारित नहीं हैं.' विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम चीनी मीडिया को यही संदेश देना चाहते हैं कि वह ऐसी मनगढ़ंत रिपोर्टिंग न करे.
हार ने चीन के उड़ाए होश
चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर भारत जिस आक्रामक तरीके से जवाब दे रहा है, उसकी चीन को उम्मीद नहीं थी. लगातार मिल रही हार ने चीन के होश उड़ा दिए हैं. भारतीय सेना जिस तरह से हर बार चीनी सेना को शिकस्त दे रही है. उससे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपनी सेना से बेहद नाराज हैं. भारत के एक्शन से शी जिनपिंग भड़के हुए हैं.
गलवान के बाद पैंगोंग का पराक्रम देखने के बावजूद चीन ने तीसरी बार दुस्साहस किया और भारत के जवानों ने फिर करारा जवाब दिया. रेज़ांग ला में 7 सितंबर की शाम क्या-क्या हुआ, चीन के विरुद्ध हिंद की सेना के शौर्य की पूरी कहानी जानिए:
पैंगोंग झील के दक्षिण छोर पर शेनपाओ पहाड़ी के पास एक इलाका रेजांग ला है. सूत्रों के मुताबिक, रेजांग ला के उत्तर में चीन के 25-50 सैनिक भारतीय क्षेत्र में बढ़ते हुए दिखाई दिए. भारतीय सेना पहले से मुस्तैद थी। भारतीय सैनिकों ने घुसपैठ को रोकने के लिए हवा में फायरिंग की. गोली हवा में चली, और चीन डर गया. उसे याद आया, गलवान में क्या हुआ था, और फिर पैंगोंग में भारत का जवाब भी याद आने लगा. सूत्रों के मुताबिक, चेतावनी के बाद चीन के सैनिक वापस लौट गए। इस घटना में किसी के घायल होने की खबर नहीं मिली है.
दरअसल चीन को 15-16 जून की रात याद आई. भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में जब चीन के सैनिकों ने अतिक्रमण की कोशिश की थी और भारतीय सेना ने चीन के सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया. भारतीय सेना के जवाब में चीन के 45-50 सैनिक मारे गए. भारतीय सेना के 20 जवान देश की सीमा की रक्षा के लिए शहीद हो गए थे. चीन को डर इस बात का भी था कि कहीं 29-30 अगस्त की रात हिंदुस्तान के शूरवीरों के जिस शौर्य को चीन ने देखा था, कहीं उस शौर्य और पराक्रम से उसका सामना दोबारा न हो जाए. 29-30 अगस्त की रात पैंगोंग के ब्लैक टॉप पर भी चीन ने कब्ज़ा जमाने की कोशिश की थी लेकिन भारतीय सैनिकों ने चीन के दुस्साहस को नाकाम कर दिया था और ब्लैक टॉप पर तिरंगा लहरा दिया था.
बताया गया कि वहां चीन के सर्विलांस सिस्टम और कैमरे भी लग चुके थे लेकिन इनसे बचते हुए भारत के जांबाज़ चोटी तक पहुंचे और अब भारतीय जवान ब्लैक टॉप पर ऊंचाई पर बैठे हैं. अक्सर चीन की सेना सर्दियों में घुसपैठ की साजिश रचती है, लेकिन गलवान से लेकर पैंगोंग तक भारत के पराक्रम के बाद अब चीन ऐसी हिमाकत करने से पहले 100 बार सोचेगा.
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