नई दिल्‍ली: कोरोना की तीसरी लहर (COVID Third Wave) की आशंका के बीच सरकार जल्द से जल्द बच्चों का टीकाकरण (Vaccination) करना चाहती है. केंद्र सरकार की कोशिश है कि अक्‍टूबर-नवंबर से 12-17 साल के बच्‍चों को वैक्सीन (Corona Vaccine) देने का काम शुरू हो जाए. माना जा रहा है कि मोटापा, दिल सहित अन्य बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को सबसे पहले वैक्‍सीन लगाई जाएगी. पहले राउंड में ऐसे करीब 20-30 लाख बच्‍चों को कवर करने का अनुमान है.


Zydus Cadila को ध्यान रख तैयारी 


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‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने अपनी रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया है कि सरकार ने जायडस कैडिला की डीएनए वैक्‍सीन ZyCov-D (Zydus Cadila DNA Vaccine ZyCov-D) को ध्‍यान में रखकर अक्‍टूबर-नवंबर से 12-17 साल के बच्‍चों के वैक्सीनेशन की योजना बनाई है. बता दें कि ZyCoV-D ही इकलौती ऐसी वैक्‍सीन है जिसे देश में बच्‍चों पर आपातकालीन इस्‍तेमाल की मंजूरी मिली है.


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Supply शुरू होने का इंतजार


वरिष्‍ठ ने बताया कि सरकार जायडस के सप्‍लाई शुरू करने का इंतजार कर रही है. सप्लाई शुरू होते ही बच्‍चों का टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा. सबसे पहले उन बच्चों को टीका लगाया जाएगा, जिन्हें कोई न कोई बीमारी है. बाकियों को अगले साल की पहली तिमाही से वैक्‍सीन लगनी शुरू होगी.


इस तरह मिलेगी Vaccine


रिपोर्ट में बताया गया है कि पहली खेप में जायडस करीब 40 लाख डोज सप्‍लाई करेगी. उसके बाद हर महीने एक करोड़ डोज सप्‍लाई होंगी. सरकार को उम्‍मीद है कि कंपनी दिसंबर तक करीब 4-5 करोड़ डोज मुहैया करा देगी. यहां गौर करने वाली बात ये है कि ZyCoV-D तीन डोज वाली वैक्‍सीन है. सरकार अगले साल मार्च तक बाकी बच्‍चों तक वैक्‍सीनेशन कवरेज को बढ़ाएगी.


Covaxin का भी चल रहा ट्रायल 


बता दें कि भारत बायोटेक की Covaxin को भी बच्‍चों पर टेस्‍ट किया जा रहा है. उसके क्लीनिकल ट्रायल जल्द पूरे होने वाले हैं. यदि Covaxin को बच्‍चों पर आपातकालीन इस्‍तेमाल की मंजूरी मिल जाती है, तो उसे दो साल से ज्‍यादा उम्र वाले सभी बच्‍चों को लगाया जा सकता है. बायोलॉजिकल ई और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के टीकों को भी हाल ही में बच्‍चों पर ट्रायल की मंजूरी दी गई है.


पहले इन 12 करोड़ को लगेगा टीका 


रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 18 साल से कम उम्र के करीब 44 करोड़ बच्‍चे हैं. इनमें से 12-17 की उम्र वाले लगभग 12 करोड़ हैं, जिन्‍हें सबसे पहले वैक्‍सीन मिलेगी. हालांकि सीमित सप्‍लाई को देखते हुए सरकार ने इस आयुवर्ग में भी प्रायोरिटी ग्रुप्‍स बनाने का फैसला किया है. यही रणनीति बड़ों के वैक्‍सीनेशन अभियान में भी अपनाई गई थी. गौरतलब है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर जल्द आने की आशंका जताई जा रही है. सरकार की योजना है कि इससे पहले ही बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो जाए.