नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) को लेकर 3 दिसंबर को संसद में हुई बहस के दौरान आसाम से लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने सवाल किया था कि आसाम में कितने डिटेंशन सेंटर (नज़रबंदी सेंटर) चल रहे हैं. इस पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने जवाब दिया था कि आसाम में 28 नवंबर तक 6 जगह डिटेंशन सेंटर चल रहे थे. जिनमें गोलपारा, कोकराझार, सिलचर, डिब्रूगढ़, जोरहाट और तेजपुर शामिल हैं. इनमें कुल 970 लोग थे जिनमें 646 पुरुष और 324 महिलाएं थीं.


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मंत्री ने बताया था कि महिला और पुरुषों को अलग-अलग कमरे में रखा जाता है और उनको बेसिक सुविधा दी जाती है, साथ ही महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी कोई घटना रिपोर्ट नहीं हुई है. डिटेंशन सेंटर में लोगों को अपने परिचितों से मिलने के लिए कोई पाबंदी नहीं है, उन्हें मिलने दिया जाता है.


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वहीं बरपेटा से कांग्रेस के लोकसभा सांसद अब्दुल खालिक ने 10 दिसंबर को सवाल किया था कि 3 साल से ज्यादा से रह रहे विदेशियों की संख्या डिटेंशन सेंटर में कितनी है कितनों को विदेशी घोषित किया गया. इसके जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि असम सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक 181 घोषित विदेशी और 44 दोषी लोगों ने डिटेंशन सेंटर में तीन साल पूरे कर लिए हैं. केंद्र सरकार इस डिटेल को अपने पास नहीं रखती कि डिटेंशन सेंटर के उस विदेशी का एड्रेस क्या है, और उसे कब पकड़ा गया था.


आसाम सरकार ने केंद्र सरकार को ये भी बताया कि 2019 में 281 पुरुषों को विदेशी नागरिक घोषित किया है .वहीं कुल 290 महिलाओं को विदेशी नागरिक घोषित किया गया. जबकि 128 लोगों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार 3 साल पूरे होने के बाद रिलीज़ कर दिया गया था. 5 दिसंबर 2019 तक 227 विदेशियों को उनके मूल देश वापस भेजा गया.