नई दिल्ली: हवाई और समुद्री यात्रा करने वाले लोगों को भारतीय सीमा में मोबाइल फोन से कॉल करने या इंटरनेट चलाने की सुविधा जल्द ही मिलनी शुरू हो जाएगी. भारतीय सीमाओं के अंदर इस तरह की सेवाएं देने के बाबत नियम अधिसूचित कर दिए गए हैं. शुक्रवार को अधिसूचित उड़ान एवं सामुद्रिक-नौवहन में दूरसंचार संपर्क सुविधा (आईएफएमसी) नियमावली-2018 के अंतर्गत भारतीय और विदेशी विमानन और नौवहन सेवा कंपनियां भारतीय सीमा में परिचालन के समय भारत के किसी भी दूरसंचार सेवा प्रदाता के साथ मिलकर इस तरह की सेवाएं दे सकेंगी.


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यह नियमावली भारत के सरकारी राज-पत्र में प्रकाशित किए जाने के बाद लागू हो जाएगी. इसके लिए उपग्रह और भू-स्थित संपर्क सुविधाओं के माध्यम से दी जा सकेगी. इसमें विदेशी उपग्रह सुविधा की मदद लेने के लिए अंतरिक्ष विभाग की अनुमति लेनी होगी.


विमानों के भारतीय वायुसीमा में न्यूनतम 3000 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद ये सेवाएं दी जा सकेंगी ताकि क्षेत्रीय मोबाइल सेवा नेटवर्क के संकेतों में व्यवधान न पैदा हो.


इस सेवा के लिए लाइसेंस एक रुपए के वार्षिक शुल्क पर 10 वर्ष के लिए जारी किया जाएगा. लाइसेंस धारक से सरकार रेडियो तरंग शुल्क और राजस्व में हिस्सा लेगी. 


उपग्रहों के माध्यम से यह सेवा देने के लिए जरूरी होगा कि टैलीग्राफ संकेतों को भारतीय सीमा में स्थापित उपग्रह संचार प्रवेश-द्वार केंद्रों के रास्ते ही भेजा जाए. ये केंद्र भारत में लंबी दूरी की दूससंचार सेवाएं देने वाली कंपनियों (एनएलडी) और इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों (आईएसपी) के साथ परस्पर जुड़े होंगे.