Gujarat Rape Case (दिप्ती सावंत): गुजरात के भरूच में हुई एक दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. 10 साल की मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी ने एक बार फिर समाज में फैली हैवानियत को उजागर किया है. रेप की शिकार हुई इस बच्ची ने 8 दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद दम तोड़ दिया.


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एक महीने में दो बार बलात्कार


16 दिसंबर 2024 को हुए इस जघन्य अपराध में आरोपी विजय पासवान ने मासूम बच्ची के साथ न केवल बलात्कार किया. बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट्स में लोहे की रॉड भी डाली. जांच में पता चला है कि आरोपी ने इस मासूम के साथ एक महीने में दो बार बलात्कार किया था.


इलाज के बावजूद नहीं बच सकी जान


बच्ची को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की. लेकिन गंभीर चोटों के कारण उसकी जान नहीं बच सकी. बच्ची के शरीर में फैले संक्रमण के कारण उसे कई सर्जरी करानी पड़ी. डॉक्टरों की तमाम कोशिश के बाद भी बच्ची की जान नहीं बच सकी.


समाज में बढ़ती चिंता


यह घटना समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है. एक बार फिर यह सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों मासूम बच्चियां इस तरह के जघन्य अपराधों का शिकार होती हैं. इस घटना ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और लोगों में गुस्सा और निराशा पैदा की है.


सरकार की कार्रवाई


गुजरात सरकार ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. सरकार ने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद भी प्रदान की है.


समाज का दायित्व


यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि हमें बच्चों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने होंगे. हमें बच्चों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना होगा और उन्हें आत्मरक्षा के लिए सिखाना होगा. हमें ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी जो बच्चों के साथ छेड़छाड़ करते हैं.


एक मासूम की विदाई


गुजरात की निर्भया की मौत से पूरा देश शोक में डूबा हुआ है. यह घटना हमें एक बार फिर याद दिलाती है कि हमारे समाज में अभी भी बहुत कुछ बदलने की जरूरत है. हमें बच्चों के भविष्य के लिए काम करना होगा और उन्हें एक सुरक्षित और खुशहाल जीवन देना होगा. यह घटना हमें एक बार फिर याद दिलाती है कि हमें बच्चों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने होंगे.