DNA with Sudhir Chaudhary: हमारे देश में नेताओं की बात पर कोई भी यकीन क्यों नहीं करता? बीजेपी और मोदी विरोध में अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले गुजरात के नेता हार्दिक पटेल बीजेपी में शामिल हो गए. हार्दिक पटेल ने वर्षों तक प्रधानमंत्री मोदी को अपशब्द कहे और उन्हीं की पार्टी में शामिल होकर ये कह दिया कि वो मोदी के छोटे से सिपाही हैं. Zee News की Library में हार्दिक पटेल के कुछ ऐसे पुराने भाषण हैं, जिसे साफ झलक जाएगा कि सत्ता पाने के लिए अब राजनीति के नाम पर विचारधारा को इधर से उधर...बहुत आसानी से किया जा सकता है.


नेताओं को विश्वसनीय क्यों नहीं मानते?


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आप अक्सर लोगों को ये कहते हुए सुनते होंगे कि भारत में जो नेता अपनी बात से ना पलटे, वो समझो नेता है ही नहीं. हार्दिक पटेल ने बीजेपी में शामिल होकर बता दिया है कि वो अब एक बड़े नेता बन गए हैं. क्योंकि जिस पार्टी और मोदी के खिलाफ उन्होंने अपनी राजनीति शुरू की थी, वो उसी पार्टी में शामिल हो गए. इससे आप समझ सकते हैं कि हमारे देश के लोग नेताओं को विश्वसनीय क्यों नहीं मानते और वो राजनीति में आने से क्यों मना करते हैं.


राजनीति खोखली हो जाती है!


राजनीति में विचारधारा को उसकी मूल जड़ माना जाता है. यानी अगर आपके पास विचारधारा नहीं है तो राजनीति खोखली हो जाती है. हमें लगता है कि बीजेपी ने हार्दिक पटेल से हाथ मिला कर ऐसी ही गलती की है. इस राजनीतिक घटनाक्रम का सबसे ज्यादा असर बीजेपी के उन कार्यकर्ताओं पर पड़ेगा, जो अब तक हार्दिक पटेल को रोकने के लिए काम कर रहे थे. लेकिन अब हार्दिक पटेल अचानक से इन कार्यकर्ताओं के बॉस बन जाएंगे और इससे बीजेपी के कार्यकर्ताओं में आज बहुत निराशा होगी.


गुजरात में पटेल समुदाय की आबादी 14 प्रतिशत


हालांकि, आपके मन में भी ये सवाल होगा कि हार्दिक पटेल के बीजेपी में जाने से उसे क्या फायदा होगा?.. तो इसका जवाब 2017 के विधनासभा चुनाव के नतीजों में छिपा है. उस समय हार्दिक पटेल, गुजरात में पटेलों को आरक्षण दिलाने के लिए आन्दोलन कर रहे थे. इस आन्दोलन में भारी भीड़ इकट्ठा हुई थी और इसने गुजरात में उस समय की बीजेपी सरकार को अस्थिर कर दिया था. इस आन्दोलन की वजह से चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी को कड़ी टक्कर दे पाई थी. तब कांग्रेस ने  गुजरात की 182 सीटों में से 77 सीटें जीत ली थीं और वो बहुमत के बहुत करीब पहुंच गई थी. बहुमत के लिए उसे 92 सीटें चाहिए थी. ये फायदा हार्दिक पटेल की वजह से कांग्रेस को दोबारा ना मिले, शायद इसलिए बीजेपी ने हार्दिक पटेल को पार्टी में शामिल कर लिया. गुजरात में पटेल समुदाय की आबादी 14 प्रतिशत है.


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