Haridwar News: हरिद्वार घूमने जा रहे हैं तो ध्यान दें! छोटे कपड़ों में अब मंदिरों में नहीं मिलेगी एंट्री, हर की पौड़ी पर नहीं पहन सकेंगे जूते- चप्पल
Temples Entry Ban Short clothes: अगर आप हरिद्वार या ऋषिकेश घूमने जा रहे हैं तो कुछ चीजों को नोट कर लें. अब आपको शॉर्ट कपड़ों में वहां के मंदिरों में एंट्री नहीं मिलेगी. हर की पौड़ी पर भी जूते-चप्पल पहनकर जाने पर प्रतिबंध लगाए जाने की तैयारी है.
Ban on Entry in Temples of Haridwar Rishikesh Wearing Short Clothes: हमारे देश में अपनी इच्छा के अनुसार उचित कपड़े पहनने की पूरी आजादी है लेकिन जब बात धार्मिक स्थानों की आती है तो हमारी जिम्मेदारी बन जाती है कि उस स्थान का महत्व बनाए रखें. अब उत्तराखंड के हरिद्वार में इसी तरह का ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है. वहां के मंदिरों में छोटे या अमर्यादित कपड़े पहनकर जाने पर रोक लगा दी गई है. श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे शरीर के 80 प्रतिशत हिस्से को ढंककर मंदिरों में दर्शन करने आएं. ऐसा न करने पर उन्हें प्रवेश से वंचित किया जा सकता है.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने की पुष्टि
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bhartiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी (Mahant Ravindra Puri) ने हरिद्वार के मंदिरों में इस प्रतिबंध की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि मंदिर या अन्य तीर्थ स्थल साधना के स्थान हैं. वहां पर जाने के लिए उचित कपड़े पहनने ही चाहिएं. ऐसा न करने पर वे तीर्थ स्थल पिकनिक स्पॉट में तब्दील हो जाएंगे. वैसे भी भारतीय संस्कृति में इस तरह अंग प्रदर्शन को अच्छा नहीं माना गया है.
'लोगों को समझनी होगी अपनी जिम्मेदारी'
उन्होंने बताया कि अगर कोई भी श्रद्धालु हरिद्वार (Haridwar) के मंदिरों में दर्शन करना चाहता है तो उसके शरीर का 80 प्रतिशत हिस्सा कपड़ों से ढंका होना चाहिए. अगर वे शॉर्ट पैंट- टॉप, निकर या इसी तरह के दूसरे कपड़े पहनकर मंदिरों में जाते हैं तो उन्हें प्रवेश देने से रोका जा सकता है. महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि हरिद्वार और रिषीकेश धार्मिक स्थान हैं. लोगों को समझना चाहिए कि प्रत्येक पवित्र स्थान की अपनी मर्यादा और परंपरा होती है और हमें भी उसी के अनुसार आचरण भी करना चाहिए. अगर हम मंदिर जैसी पवित्र जगह पर जा रह हैं तो हमारा आचरण और कपड़े भी वैसे ही शालीन होने चाहिए.
हर की पौड़ी पर नहीं पहन सकेंगे जूते-चप्पल
जिले के नेताओं और अफसरों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है. हिंदू धर्माचार्यों के इस फैसले के बाद अब हरिद्वार (Haridwar) में हर की पैड़ी (Har Ki Pauri) पर जूते-चप्पल पहनने पर रोक लगाने की भी तैयारी है. इसके लिए वहां पर जगह-जगह जूता स्टॉल बनाए जाएंगे. जहां पर लोग अपने जूते-चप्पल उतारकर हर की पैड़ी पर जा सकेंगे. इसके लिए जिला प्रशासन अपनी ओर से सुविधाएं जुटाने में लगा है. लोगों को तेज धूप और ठंड से बचाने के लिए हर की पैड़ी पर प्लास्टिक की कालीन बिछाई जाएगी. फिलहाल हर की पौड़ी के ब्रह्म कुंड में जूते चप्पल पहनने पर रोक लगी हुई है. बाकी जगहों पर लोग जूते-चप्पल पहनकर जाते हैं.