लखनऊ: हाथरस कांड (Hathras Case)  के बहाने उत्तर प्रदेश में दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के संदिग्धों से आज प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate-ED) की टीम पूछताछ कर सकती है. सभी आरोपियों को मथुरा जेल में रखा गया है. ED के अधिकारी आज (बुधवार) सुबह 10 बजे के आसपास जेल पहुंच सकते हैं. आरोपियों से साजिश के लिए फंडिंग के बारे में पूछताछ की जाएगी.


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सोमवार को मांगी थी इजाजत
सूत्रों के मुताबिक, हाथरस मामले में दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार PFI एजेंट्स से ईडी को पूछताछ की इजाजत मिल गई है. ED ने सोमवार को ही पूछताछ के लिए प्रशासन को चिट्ठी लिखकर इजाजत मांगी थी. गिरफ्तार चारों संदिग्धों पर आरोप है कि वो हाथरस में जातीय दंगा भड़काने के इरादे से वहां जा रहे थे. मालूम हो कि पुलिस ने चारों को मथुरा के यमुना एक्सप्रेस वे पर मांट टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया था. खबर ये भी है कि ईडी की टीम आरोपियों से सौ करोड़ की कथित फंडिंग के बारे में भी पूछताछ कर सकती है. PFI के खिलाफ दिल्ली में पहले ही केस दर्ज है. इस मामले से संबंधित जांच के लिए भी इन संदिग्धों से पूछताछ की जाएगी. 


सीबीआई टीम ने की छानबीन
इधर, CBI ने मंगलवार को गैंगरेप पीड़िता के गांव पहुंचकर मामले की छानबीन की. टीम इस दौरान पीड़िता के घर से कुछ अहम सामान अपने साथ ले गई. सीबीआई की टीम करीब 4 घंटे गांव में रही और तीन अलग-अलग जगहों पर जाकर मामले की छानबीन की. Zee News से बात करते हुए पीड़ित परिवार के छोटे बेटे ने बताया कि सीबीआई बड़े भाई के साथ-साथ पीड़िता की चप्पल और गंगाजल की बोतल भी घर से ले गई है. 


कोर्ट ने जारी किया 11 पन्नों का आदेश
उधर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हाथरस मामले में 11 पन्नों का आदेश जारी किया है, जिसमें कोर्ट ने प्रशासन के रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कई आदेश जारी किए हैं. कोर्ट ने प्रशासन को आदेश दिया है कि पीड़ित परिवार को कड़ी सुरक्षा दी जाए.


प्रशासन को फटकार, सीबीआई को निर्देश
कोर्ट ने ADG लॉ एंड ऑर्डर के रेप ना होने वाले बयान पर सख्त आपत्ति जताई है. साथ ही अदालत ने निलंबित SP विक्रांत वीर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है. उन्हें 2 नवंबर को हाईकोर्ट में पेश होना होगा. पीड़िता के शव को जलाने के मामले में कोर्ट ने हाथरस डीएम से पूछा कि बिना परिवार की मंजूरी लाश क्यों जलाई?  इसके अलावा, कोर्ट ने रात में दाह संस्कार करने के फैसले को मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताया. हाथरस मामले पर कोर्ट ने मीडिया और नेताओं को अनावश्यक बयानबाजी से बचने के लिए कहा है. अदालत ने इस मामले की जांच कर रही CBI टीम को भी सख्त निर्देश दिए हैं कि वो जांच की बातें मीडिया के साथ ना बांटें.