लखनऊ: हाथरस केस (Hathras case) में जिस वेबसाइट के जरिये प्रदेश में जातीय दंगा फैलाने की कोशिश की गई थी. अब उसकी जांच ED भी करेगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ED को शक है कि इस वेबसाइट से पीड़िता के परिजनों के नाम पर काफी धन जुटाया गया है. ED अब उन लोगो का भी पता लगाएगी, जिन्होंने डोमेन खरीदा. इसके साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि किसका मेल और फोन नंबर उपयोग किया गया. यह भी जांच की जाएगी कि पैसे किन माध्यमों से आए और कहां कहां लगे. 


बता दें कि हाथरस में दलित लड़की की हत्या के बाद 'जस्टिस फॉर हाथरस' के नाम से एक वेबसाइट बनाई गई. यूपी पुलिस के मुताबिक इस वेबसाइट का निर्माण जातीय तनाव को भड़काकर प्रदेश में दंगा भड़काने की नीयत से किया गया. इस वेबसाइट निर्माण के लिए इस्लामिक देशों से लेकर यूपी में योगी सरकार की कार्रवाई का शिकार हो रहे माफिया सरगनाओं ने भी बड़ी मात्रा में फंडिंग की.


मामले में जिहादी और वामपंथी अतिवादियों का एंगल सामने आने के बाद पुलिस सजग हो गई है और इस साजिश को तैयार करने वालों का पता लगाने में जुटी हुई है. वहीं बाहरी फंडिंग का मामला सामने के बाद इस प्रकरण में अब ED भी जांच में शामिल हो गई है. ED ने लखनऊ में 153 A यानी कि मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है.