Prohibit Chhath Puja at Yamuna Banks: दिल्ली-एनसीआर में भयानक तरह से बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना तो मुश्किल हो ही रहा है, वहीं यमुना नदी के पानी में भी प्रदूषण का स्तर चरम पर है. ऐसे में देश भर में धूमधाम से मनाए जाने वाले महापर्व छठ पर लोगों को प्रदूषित यमुना नदी के पानी में खड़े होकर शाम और सुबह का अर्घ्य देना बड़ी चिंता का विषय है. अब इस मामले में दिल्ली कोर्ट ने बड़ा फैसला सुना दिया है.


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यमुना नदी के तट पर नहीं होगी छठ पूजा
यमुना नदी के तट पर छठ पूजा की अनुमति देने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को इनकार कर दिया है. कोर्ट में दायर याचिका में यमुना नदी में छठ पूजा की इजाजत की मांग की गई थी. दिल्ली सरकार ने यमुना तट पर छठ पूजा पर बैन लगाया हुआ है. इसके खिलाफ पूर्वांचल नवनिर्माण संस्थान नाम के संगठन ने दिल्ली HC में याचिका दायर की थी. दिल्ली HC ने कहा कि छठ पूजा चल रही है. हम ऐन वक़्त पर कोई आदेश नहीं दे सकते. रातों-रात यमुना साफ नहीं हो सकती. दिल्ली HC ने कहा कि यमुना का पानी इतना गंदा है अगर लोग उसमे घुसकर पूजा करेगे तो ख़ुद बीमार पड़ जाएंगे. हम इसकी इजाज़त नहीं दे सकते.


यमुना नदी में उठ रहे झाग का सेहत पर असर
यमुना में उठ रहा झाग रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण है. ये सारे रासायनिक तत्व और औद्योगिक कचरा सीधे यमुना नदी में आते हैं. इससे नदी का पानी और भी गंदा हो जाता है. ऐसे में इस पानी में आप खड़े रहेंगे, तो निश्चित ही स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. कुछ लोगों में इससे एलर्जी के साथ ही अस्थमा जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं. जिन लोगों को पहले से ही एलर्जी, अस्थमा की समस्या है तो उन्हें पानी में डुबकी लगाने से बचना चाहिए वरना इसके लक्षण ट्रिगर कर सकते हैं. गलती से भी पानी नाक या गले में चला जाए, तो शरीर के अंदर भी संक्रमण, पेट की बीमारियां, सांस की दिक्कतें या फिर अन्य समस्याएं हो सकती हैं.


देश की राजधानी में पूर्वांचल के लोग छठ पूजा को भक्ति भाव से मनाते हैं. दिल्ली में यमुना नदी पर भारी संख्या में व्रती सूरज देवता को शाम और सुबह का अर्घ्य देने के लिए नदी में उतरते हैं. नदी के पानी में प्रदूषण स्तर इतनी चरम स्थिति में है कि लोगों की सेहत भी खराब हो सकती है.