Himanta Biswa Sarma on Muslim Voting Pattern: असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा अपना बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं. जो कुछ उनके मन में होता है, वे उसे बिना लाग-लपेट के कह देते हैं, फिर चाहे उसका अंजाम कुछ भी क्यों न हो. अब उन्होंने मुसलमानों के वोटिंग ट्रेंड पर विवादित भाषणा दिया है. सरमा ने शनिवार को दावा किया कि बांग्लादेश मूल के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी संख्या में वोट दिया. यह भी तब, जब केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकारों ने उनके विकास के लिए इतने काम किए. उन्होंने आरोप लगाया कि यह (मुस्लिम) असम का एकमात्र समुदाय है, जो सांप्रदायिकता में लिप्त है.


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BJP ने जीती 14 में से 11 सीटें


वे शनिवार को गुवाहाटी में पार्टी मुख्यालय पर बीजेपी और सहयोगी पार्टी के विजयी लोकसभा सांसदों का अभिनंदन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इन चुनावों में असम में एनडीए को 47 प्रतिशत वोट मिला, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने 39 प्रतिशत वोट हासिल किए. इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी, AGP और UPPL के गठबंधन को राज्य की 14 लोकसभा सीटों में से 11 पर जीत मिली. वहीं 3 सीटें कांग्रेस के खाते में गईं. 


'हिंदू सांप्रदायिकता में लिप्त नहीं' 


मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, 'अगर हम कांग्रेस के 39 प्रतिशत वोटों का विश्लेषण करें, तो ये वोट उसे पूरे राज्य में नहीं मिले. उसे मिले कुल वोटों का 50 प्रतिशत हिस्सा उन 21 विधानसभा क्षेत्रों का है, जो अल्पसंख्यक बहुल हैं. इन अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में बीजेपी को 3 प्रतिशत वोट मिले हैं. मुसलमानों का नाम लिए बिना हिमंता ने कहा, इससे साबित होता है कि हिंदू सांप्रदायिकता में लिप्त नहीं हैं. अगर कोई असम में सांप्रदायिकता में लिप्त है, तो वह केवल एक समुदाय, एक धर्म है. कोई अन्य धर्म ऐसा नहीं करता है.'


मुख्यमंत्री ने कहा, 'करीमगंज को छोड़कर, अगर हम बहुसंख्यक बांग्लादेश मूल के लोगों वाले मतदान केंद्रों पर विचार करें, तो 99 फीसदी वोट कांग्रेस को गए हैं. वे (अल्पसंख्यक लोग) भले ही मोदी के दिए गए घरों में रह रहे हों, मोदी की ओर से मिली बिजली और स्वच्छता सुविधाओं का लाभ उठा रहे हों, लेकिन जब वे वोट देने जाते हैं, तो वे कांग्रेस को देते हैं.'


'भले सड़कें न हों लेकिन वोट कांग्रेस को देते हैं'


उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में भले ही सड़कें न हों, बिजली न हो, लेकिन इसके बावजूद वे कांग्रेस को भारी संख्या में वोट देते रहे हैं और इस बार भी उन्होंने ऐसा ही किया है. उन्होंने कहा कि इसके विपरीत बीजेपी असमिया लोगों और राज्य के आदिवासियों के लिए काम कर रही है. इसके बावजूद इन समुदायों ने बीजेपी को 100 प्रतिशत वोट नहीं दिया है.


'जब बीजेपी सरकार नहीं रहेगी तो क्या होगा'


हिमंता सरमा ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव की वजह से जब प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लगी थी तो मौके का फायदा उठाकर समुदाय विशेष के लोगों ने बारपेटा के एक गांव में बने पुलिस स्टेशन पर हमला किया. इसके साथ ही कोकराझार में जमीन पर कब्जा करने की भी कोशिश की. उन्होंने कहा कि जब राज्य में बीजेपी सरकार नहीं रहेगी तो ऐसे कितने हमले होंगे, इसकी केवल कल्पना ही की जा सकती है.


'2026 के चुनाव में 50 फीसदी वोट का टारगेट'


सीएम सरमा ने अपनी पीठ ठोकते हुए कहा कि बीजेपी ने इन चुनावों में राज्य के 126 असेंबली सीटों में से 92 पर जीत हासिल की है, जो राज्य में किसी भी सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि इस बार हमें 47 फीसदी वोट मिले. अब हमारा टारगेट 2026 के राज्य चुनावों में 50 फीसदी वोट हासिल करना होगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी सरकार प्रदेश के हिस्सों में बराबर विकास के लिए प्रतिबद्ध है, फिर भले ही वहां से पार्टी का उम्मीदवार जीता हो या हारा हो.