सरकारी कार्यक्रमों में परोसा जाएगा शाकाहारी खाना, CM के काफिले में कम होंगी गाड़ियां, हिमंता का बड़ा ऐलान
Himanta Biswa Sarma: मुख्यमंत्री ने उस प्लान पर भी चर्चा की, जिसके तहत डिलिमिटेशन की प्रक्रिया में पंचायतों की संख्या में कमी ना आए. इसके लिए कई संशोधन करने की जरूरत पड़ेगी. मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि 31 दिसंबर तक पंचायत चुनाव पूरे हो जाने चाहिए ताकि नवनिर्वाचित सदस्य शपथ ले पाएं.
Assam News: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शर्मा ने सोमवार को वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सीएम हिमंता ने ऐलान किया कि आधिकारिक बैठकों में अब सरकार सिर्फ शाकाहारी और सात्विक भोजन देगी. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री की सुरक्षा में जो गाड़ियां और बैरिकेड्स होते हैं, उनको भी कम किया जाएगा.
हिमंता ने कहा, 'हमारी सरकार वीआईपी कल्चर खत्म करेगी. हम लोग मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगी गाड़ियां और बैरिकेड्स को कम कर रहे हैं. अब से सरकार के सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में सात्विक और शाकाहारी भोजन ही दिया जाएगा.' हालांकि सीएम हिमंता ने यह भी कहा कि यह निर्देश राज्य अतिथियों के लिए लागू नहीं होगा. उन्होंने जिलाधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सरकारी कार्यक्रमों में अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाएं.
पंचायत चुनाव पर भी दिया जोर
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने उस प्लान पर भी चर्चा की, जिसके तहत डिलिमिटेशन की प्रक्रिया में पंचायतों की संख्या में कमी ना आए. इसके लिए कई संशोधन करने की जरूरत पड़ेगी. मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि 31 दिसंबर तक पंचायत चुनाव पूरे हो जाने चाहिए ताकि नवनिर्वाचित सदस्य शपथ ले पाएं.
असम को रफ्तार देने की तैयारी
इसके अलावा राज्य का आर्थिक विकास खो रफ्तार देने, नौकरियां पैदा करने और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए भी सीएम हिमंता ने प्लान बनाया है. उन्होंने प्रस्ताव दिया कि हर जिले को असम की जीडीपी में योगदान देना चाहिए ताकि वे खुद सेंटर ऑफ ग्रोथ बन सकें. अगले साल से असम सरकार राज्य की जीडीपी रिपोर्ट के साथ-साथ जिलों की जीडीपी रिपोर्ट भी पब्लिश करेगी.
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को आदेश दिया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में सरकारी भवनों के निर्माण की निगरानी करें और स्वास्थ्य, शिक्षा और आंगनवाड़ी केंद्रों को पूरा करने को प्राथमिकता दें, जिन्हें उन्होंने विकास के लिए अहम बताया. इसके अलावा हिमंता ने उनको को 12 अगस्त तक बाढ़ पुनर्वास अनुदान बांटने और संरक्षक मंत्रियों के साथ हर हफ्ते लगातार बैठकें करने को भी कहा.