Chandni Chowk में मंदिर गिराए जाने पर हिंदू संगठन भड़के, AAP सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
दिल्ली में चांदनी चौक के Redevelopment प्रोजेक्ट के रास्ते में आ रहे हनुमान मंदिर (Chandni Chowk Hanuman Temple) को केजरीवाल सरकार के PWD और बीजेपी शासित MCD ने मिलकर हटाया. लेकिन अब मंदिर हटाए जाने पर दोनों दल एक दूसरे पर सियासी तीर छोड़ रहे हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली में चांदनी चौक के Redevelopment प्रोजेक्ट के नाम पर वहां के हनुमान मंदिर (Chandni Chowk Hanuman Temple) को तोड़ने पर जम कर राजनीति और प्रदर्शन हो रहे हैं. मंदिर को तोड़े जाने के विरोध में और पुनः स्थापना की मांग को लेकर हिंदू संगठनों ने मंगलवार को चांदनी चौक में प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस ने सख्ती करते हुए उन्हें वहां से हटा दिया.
महिला कार्यकर्ताओं ने हटाए गए मंदिर पर किया जाप
मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे हिंदू संगठनों की महिला कार्यकर्ताओं ने तोड़े गए मंदिर स्थल पर हनुमान चालीसा का पाठ किया. लेकिन दिल्ली पुलिस ने कानून-व्यवस्था बिगड़ते देख उन्हें वहां से भी दूर कर दिया. इलाके में तनाव को देखते हुए दिन भर भारी तादाद में पुलिस कर्मी चांदनी चौक में तैनात रहे. हालात बिगड़ने की आशंका से मंदिर स्थल (Chandni Chowk Hanuman Temple) के आसपास की दुकानें लगातार तीसरे दिन भी बंद रही.
चांदनी चौक Redevelopment प्रोजेक्ट में आ रहा था मंदिर
बता दें कि दिल्ली की शान कहे जाने वाले चांदनी चौक का पुनर्विकास (Chandni Chowk Redevelopment Project) करने के लिए पिछले कई साल से काम चल रहा है. केंद्र सरकार की निगरानी में चल रहे इस प्रोजेक्ट को दिल्ली सरकार के PWD और भाजपा शासित उत्तरी MCD मिलकर अमलीजामा पहना रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि तोड़ा गया हनुमान मंदिर सड़कों के बीचोंबीच आ रहा था और उससे प्रोजेक्ट पर काम करने में दिक्कत बनी हुई थी.
हाई कोर्ट ने 2015 में दिया मंदिर हटाने का आदेश
इसके चलते इस मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर की गई. हाई कोर्ट ने 30 अप्रैल 2015 को आदेश जारी कर चांदनी चौक के इस हनुमान मंदिर (Chandni Chowk Hanuman Temple) को तोड़ने का आदेश जारी किया. लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इस पर अमल नहीं हो सका.
मंदिर न हटाने की दिल्ली सरकार की याचिका खारिज
दिल्ली सरकार के तहत आने वाली Delhi Religious Committee ने वर्ष 2019 में दिल्ली हाइकोर्ट के सामने प्रस्ताव रखा कि इस मंदिर को हटाने के बजाय इसे चांदनी चौक Redevelopment Project में शामिल कर लिया जाए. लेकिन हाई कोर्ट ने सरकार का सुझाव खारिज कर दिया और सरकार को आदेश का पालन सुनिश्चित कराने के लिए कहा. .
कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए हुई कार्रवाई
इसके बाद दिल्ली सरकार के गृह सचिव ने 8 अगस्त 2019 को उत्तरी एमसीडी (North MCD) के कमिश्नर को पत्र लिख कर मंदिर को हटाने के लिए कहा. इसी बीच देश में कोरोना वायरस का संक्रमण का शुरू हो गया, जिसके चलते चांदनी चौक Redevelopment Project समेत तमाम परियोजनाएं ठप पड़ गई और यह मुद्दा भी ठंडे बस्ते में चला गया.
मंदिर बचाने की याचिका फिर खारिज हुई
श्री मनोकामना सिद्ध श्री हनुमान सेवा कमेटी ने नवंबर 2020 में हाइकोर्ट में याचिका दायर कर मंदिर को न हटाने की मांग की लेकिन उसकी भी याचिका खारिज हो गई. कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर यदि कोई याचिका दिल्ली सरकार की ओर से आती है तो उसका संज्ञान लिया जाएगा वर्ना नहीं. इसके साथ ही मंदिर (Chandni Chowk Hanuman Temple) को सड़क से हटाने का रास्ता साफ हो गया.
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उत्तरी एमसीडी के दस्ते ने 3 जनवरी को गिराया मंदिर
कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए एमसीडी के दस्ते ने 3 जनवरी को सुबह करीब 5 बजे के आसपास मंदिर को गिरा दिया. तनाव को देखते हुए कार्रवाई से पहले इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था, जो अब भी वहां अलर्ट पर है. इस बीच मंदिर गिराने के मुद्दे पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों एक दूसरे पर सियासी तीर चला रहे हैं. आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने हनुमान मंदिर तोड़े जाने पर 3 जनवरी को इलाके में प्रदर्शन किया था. जिसके बाद बीजेपी (BJP) ने भी उसके खिलाफ सियासी हमला बोला.
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