नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री ने नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन डिलीवरिंग डेमोक्रेसी के कार्यक्रम में जनता को संबोधित किया. उन्होंने पीएम मोदी के 20 साल के कार्यों के बारे में जानकारी दी. अमित शाह ने कहा कि हमारी पहचान काम के आधार पर होनी चाहिए. पीएम मोदी की नीतियों को जनता बेहतर तरीके से जानती है.


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अमित शाह ने कहा कि अनपढ़ों की फौज लेकर कोई राष्ट्र विकास नहीं कर सकता. मुझे ट्रोल किया गया लेकिन फिर बोल रहा हूं. ये अनपढ़ों के खिलाफ नहीं है लेकिन अनपढ़ों को पढ़ाने की जिम्मेदारी शासन की होती है. पीएम मोदी ने इसीलिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की मुहिम चलाई. आज गांव के अंदर विकास पहुंच रहा है.


उन्होंने आगे कहा कि सभी को सोचना चाहिए कि पहचान जाति आदि पर ना हो बल्कि सिद्धियों के आधार पर पहचान होनी चाहिए. 60 के दशक के बाद और खासकर  2014 तक देश की जनता के मन में सवाल था कि बहुपक्षीय संसदीय व्यवस्था सफल हो सकती है क्या? कल्याण राज्य की व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी. पीएम मोदी की 30 साल बाद पूर्ण बहुमत की सरकार बनी. शुद्ध रूप से बीजेपी की सरकार पीएम मोदी के नेतृत्व में बनी. कई लोगों के पास बड़ी-बड़ी डिग्रियां होंगी. लेकिन पीएम मोदी एमए हैं. उनको पंचायत चलाने का भी अनुभव नहीं था. वे 2001 में मुख्यमंत्री बने.


गृह मंत्री ने कहा कि विधान सभा में एक विधायक ने उठ कर कहा कि मोदी जी शाम को भोजन के वक्त तो लाइट लाओ तो नरेंद्र भाई ने कहा कि 24 घंटे बिजली देंगे. मैं भी अचंभित था. उन्होंने ने एक नया रास्ता निकाला. एग्रीकल्चर ग्रिड और घर के ग्रिड को अलग किया और 24 घंटे बिजली आने लगी. इससे गांव में बड़ा बदलाव हुआ.


अमित शाह ने कहा कि मनमोहन की कैसी सरकार थी कि उनकी कैबिनेट में कोई उनको प्रधानमंत्री नही मानता था. हर मंत्री शायद खुद को प्रधानमंत्री मानता था. लगता था कि हमारी डेमोक्रेटिक व्यवस्था ढह जाएगी.


उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नाम की घोषणा होते ही अचानक सब बदल गया. एक नया वातावरण बना. जो आक्रोश बना था वो परिवर्तित होने लगा. देश के गौरव को बढ़ाना भी है. सुरक्षा देनी हो, संस्कृति बढ़ानी हो ये भी देश की जरूरत होती है. मैं ट्रोल हुआ हूं लेकिन फिर भी कहूंगा पीएम मोदी इस देश के पासपोर्ट की वैल्यू को बढ़ाया है. दुश्मन देश की तरफ उंगली उठाकर नहीं देख पाए. सर्जिकल स्ट्राइक हुई. दुनिया भारत की ताकत जान गई. रक्षा नीति हमेशा विदेश नीति के शैडो में रही. पीएम मोदी ने दोनों को अलग किया.


गृह मंत्री ने कहा कि आर्थिक सुधार भी जरूरी है और गुड गवर्नेंस भी जरूरी है. आजादी के बाद सफल से सफलतम कोई प्रधानमंत्री हुआ है तो वो नरेंद्र मोदी हैं.