Kuno National Park: मध्यप्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में नर चीता तेजस की मौत के एक दिन बाद उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि वह ‘‘आंतरिक रूप से कमजोर’’ था और मादा चीता के साथ हिंसक लड़ाई के बाद ‘‘सदमे’’ से उबर नहीं पाया. मार्च से अब तक केएनपी में सात चीतों की मौत हो चुकी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रिपोर्ट में कहा गया हैकि चीते का वजन लगभग 43 किलोग्राम था, जो सामान्य नर चीते के वजन से कम है और उसके शरीर के आंतरिक अंग ठीक से काम नहीं कर रहे थे. इसमें कहा गया है कि ऐसी स्थिति में उसके स्वस्थ होने की संभावना काफी कम थी. रिपोर्ट में कहा गया है, 'मौत का प्रथम दृष्टया कारण घातक सदमा है.'


इससे पहले 27 मार्च को साशा नाम की मादा चीता की मौत हो गई थी. बताया गया कि उसकी किडनी खराब हो गई थी. इसके बाद 23 अप्रैल को उदय नाम के चीते की मौत हो गई थी. वहीं 9 मई को दक्ष नाम के मादा चीते की मौत हो गई थी. इसकी मौत घायल होने से हुई. इसे एक नर चीते ने मेटिंग के दौरान घायल कर दिया था. 25 मई को चीता शावकों की मौत हो गई. 


एक अधिकारी के मुताबिक "चीते की किसी भी मौत के पीछे कोई चूक नहीं है. मई महीने तक हुई छह मौतों के बाद दक्षिण अफ्रीकी वन्यजीव विशेषज्ञ विंसेंट वान डेर मेरवे ने और अधिक मौतों की भविष्यवाणी की थी. उन्होंने कहा था कि अगले कुछ महीनों में और भी अधिक मृत्यु दर देखने को मिलेगी."


(एजेंसी इनपुट के साथ)