देश की `धड़कन` को छलनी कर रहे गैंगस्टर्स, इन 7 घटनाओं ने हिला दी दिल्ली
Gangster in Delhi: दिल्ली में इस समय पुलिस रंगदारी मांगने वाले गैंग्स से परेशान है. परेशानी की वजह ये है कि इन गैंग्स के शूटर्स किसी को भी निशाना बना रहे हैं. दिनदहाड़ें गोली, खौफ के मंजर से अब दिल्ली तंग आ चुकी है. सबसे बड़ी बात ये गैंगेस्टर दिल्ली में रहते भी नहीं हैं. जानें कुछ कहानी.
देश की राजधानी दिल्ली में फायरिंग करते बदमाश, रंगदारी मांगते गैंगस्टर, खौफजदा इंसान, धमकी भरे फोन और देख लेने के लिए दिनदहाड़े किसी को मौत की नींद सुला देने की घटनाओं से पुलिस पस्त है. दिल्ली की धड़कनों में अब दूषित हवाओं के साथ गोलियों की आवाजों ने अपनी जगह केसे बनाई है, जरा इन घटनाओं पर ध्यान दें.
– 13 सितंबर: ग्रेटर कैलाश, रात 10.30 बजे: जिम मालिक, व्यवसायी और पुलिस मुखबिर नादिर शाह की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई, कथित तौर पर जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथियों ने इस घटन को किया.
– 20 सितंबर: ग्रेटर कैलाश: संगीतकार अमन बत्रा को लॉरेंस बिश्नोई के सहयोगी गैंगस्टर रोहित गोदारा से 5 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग करते हुए एक कॉल आया. गोदारा ने सैनिक फार्म में एक बिल्डर को कॉल किया, उसे धमकी दी कि अगर उसने 5 करोड़ रुपये नहीं दिए तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
– 30 सितंबर: वसंत विहार: रियल एस्टेट डेवलपर को अमेरिका स्थित गैंगस्टर और लॉरेंस बिश्नोई के सहयोगी गोल्डी बरार का दावा करने वाले एक व्यक्ति से व्हाट्सएप कॉल आया, जिसने उससे 2 करोड़ रुपये की मांग की.
– 26 सितंबर: नारायणा: एक लग्जरी कार शोरूम पर बीस राउंड गोलियां चलाई गईं. शूटर एक नोट छोड़ गए: 'भाऊ गैंग, 2020 से'.
– 18 जून: राजौरी गार्डन में बर्गर किंग, रात 9.30 बजे: बाइक पर सवार तीन लोग मशहूर खाने की दुकान की सीढ़ियों से ऊपर चढ़ते हैं, अमन जून पर 39 राउंड फायर करते हैं, जिससे उसकी मौत हो जाती है. लॉरेंस बिश्नोई के प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर हिमांशु भाऊ ने हत्या की जिम्मेदारी ली.
– 22 जनवरी: सराय काले खां: दिल्ली पुलिस की एक टीम ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से कथित तौर पर जुड़े दो लोगों का पीछा किया, जिसमें एक दर्जन से अधिक गोलियां चलीं. ये लोग एक सप्ताह पहले नोएडा में एयर इंडिया के चालक दल के सदस्य की हत्या के लिए वांछित थे.
दिल्ली में गैंगेस्टरों की बढ़ता प्रभाव
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक यह सारी घटनाएं दिल्ली में हुई हैं. करीब एक दशक पहले, नीरज बवाना और टिल्लू ताजपुरिया दिल्ली के सबसे वांछित गैंगस्टरों में से थे. उन्होंने उत्तर पश्चिमी दिल्ली और हरियाणा में अपने गांवों के नाम रखे. इन नामों से न केवल उनकी क्षेत्रीय निष्ठा का पता चलता था, बल्कि उन क्षेत्रों का भी पता चलता था, जहां वे हावी थे. लेकिन वह तब की बात है. आज के गैंगस्टर, जिनके नाम पर जबरन वसूली के लिए कॉल किए जाते हैं और जिनके प्रति कई युवा साथ जीने-मरने की शपथ खाते हैं. उनका शहर से कोई लेना-देना नहीं है. वे ग्रामीण दिल्ली की सीमाओं को पार कर चुके हैं और राष्ट्रीय राजधानी के दिल तक पहुंच रहे हैं.
लॉरेंस बिश्नोई गुजरात में बंद, दिल्ली में उसके नाम होती वारदात
लॉरेंस बिश्नोई अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद है, जबकि हिमांशु भाऊ के बारे में माना जाता है कि वह अमेरिका में है. पुलिस ने बताया कि भाऊ ने नीरज बवाना के करीबी सहयोगी गैंगस्टर नवीन बाली के साथ गठजोड़ किया था. बवाना का पंजाब स्थित बंबीहा गिरोह के साथ गठजोड़ है. पुलिस जांच से पता चला है कि दिल्ली में जबरन वसूली और गोलीबारी के मामलों की संख्या बढ़ रही है, जबकि जेल और दूसरे देशों से भी गोलीबारी की जा रही है.