Rinku Dugga: कुत्ता घुमाने के लिए स्टेडियम खाली कराने वाली IAS की छुट्टी, सरकार ने जबरन किया रिटायर
IAS Rinku Dugga: ये वही रिंकू दुग्गा हैं जो अपने पति और आईएएस संजीव खिरवार के साथ दिल्ली में पोस्टिंग के दौरान कुत्ते को घुमाने के लिए त्यागराज स्टेडियम को खाली करा देती थीं. अब सरकार ने उसका फल उन्हें थमा दिया है और नियमों के तहत जबरन रियाटर कर दिया है.
Compulsorily Retired: अपने कुत्ते को घुमाने के लिए पूरा स्टेडियम खाली कराने वालीं आईएएस रिंकू दुग्गा पर सरकार ने गाज गिरा दी है. उन्हें जबरन रियाटर कर दिया है. ये वही रिंकू दुग्गा हैं जो अपने पति और आईएएस संजीव खिरवार के साथ दिल्ली में पोस्टिंग के दौरान कुत्ते को घुमाने के लिए त्यागराज स्टेडियम को खाली करा देती थीं. 2022 में उनकी और उनके पति की तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी जिसमें आईएएस दंपति दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में अपने कुत्ते के साथ दिख रहे थे. आरोप था कि वे अपने कुत्ते के लिए पूरे स्टेडियम को ही खाली करा देते थे. इसके बाद जमकर बवाल मचा था.
सभी आरोप सही पाए गए!
दरअसल, यह मार्च 2022 की बात है. उस समय आईएएस दंपत्ति रिंकू दुग्गा और उनके पति संजीव खिरवार दिल्ली में ही पोस्टेड थे. फिर रक रोज उनकी तस्वीर आई जिसमें दोनों अपने कुत्ते के साथ दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में टहलते हुए दिखे. स्टेडियम के कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि पूरा ग्राउंड खाली करने को कह दिया जाता है, ताकि संजीव और उनकी पत्नी वहां अपने कुत्ते संग टहल सकें. इससे ट्रेनिंग और प्रैक्टिस रूटीन में दिक्कत पैदा हो रही थी. ये सभी आरोप सही पाए गए.
सरकार की नजर में आ गए
तस्वीर सामने आने के बाद विवाद जब बढ़ा तो संजीव की सफाई आई और उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया था. उन्होंने ये तो कबूला था कि वह कभी-कभी कुत्ते को वहां टहलाने लेकर जाते हैं, लेकिन इस बात से इनकार किया था कि इससे एथलीट्स की प्रैक्टिस में रुकावट आती है. उस समय सरकार ने तत्काल एक्शन लेते हुए रिंकू दुग्गा को अरुणाचल प्रदेश और उनके पति संजीव खिरवार का लद्दाख में ट्रांसफर कर दिया था. मामला तो उस समय शांत हो गया लेकिन वे दोनों मोदी सरकार की नजर में आ गए थे.
अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई
अब सरकार ने आईएएस रिंकू दुग्गा को जबरन रियाटर कर दिया है. PTI के हवाले से बताया गया कि रिंकू दुग्गा को सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) 1972 के नियम 56(J) के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है. इस नियम के मुताबिक सरकार किसी भी सरकारी कर्मचारी को जनहित में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे सकती है. इसे ही जबरन रिटायरमेंट कहा जाता है. सरकार को यह अधिकार है कि वह अपने किसी भी कर्मचारी को रिटायर कर सकती है.