राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने मुंबई के एक कार्यक्रम में कहा कि भारत विकसित होगा तो दुनिया का विकास होगा. दुनिया के देश लड़ेंगे नहीं. उन्होंने कहा कि भारत अगर अमेरिका या चीन जैसा बनने की दौड़ में शामिल होगा तो उसका विकास नहीं हो पाएगा. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमारा विकास हमारी परंपरा और संस्कृति, लोगों की स्थिति और उनकी आकांक्षाओं के साथ-साथ दुनिया के प्रति लोगों को विचारों के आधार पर होगा.


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मोहन भागवत ने कहा कि एक के विकास से दूसरे का अवकाश नहीं होगा. व्यापार और कृषि दोनों साथ चलेंगे. उन्होंने केंद्र सरकार के स्लोगन को दोहराते हुए कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा ऐसे ही नहीं दिया गया है. नारा देने वाला भी स्वयं सेवक है. यह विचार उनके मूल मस्तिष्क में भी होगा.


'डंडा चलाने वालों के डंडे भी हो जाएंगे बंद'


मोहन भागवत ने कहा, 'हम विकसित होंगे तो दुनिया का भी विकास होगा. ऐसे में दुनिया के देशों में लड़ाई नहीं होगी. हम बलशाली बनेंगे तो चीन, अमेरिका और रशिया जैसा डंडा नहीं चलाएंगे. हमारे कारण डंडा चलाने वालों के डंडे भी बंद हो जाएंगे. लेकिन यह सब करना है तो हम सबको सक्रिय होकर काम करना होगा.'


RSS प्रमुख ने धर्म की बात करते हुए कहा कि मनुष्य को सुविधा संपन्न और सुखासीन बनाने वाला धर्म अगर प्रकृति को नुकसान पहुंचाता है तो वो धर्म नहीं है. अगर भारत अमेरिका और चीन को देखते हुए इसका अनुकरण करता है तो इससे भारत का विकास नहीं होगा.


उन्होंने कहा कि भारत का विकास यहां के लोगों, उनकी परिस्थिति, संस्कृति, संस्कार के साथ-साथ दुनिया के बारे विचार के आधार पर होगा. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अगर दुनिया से कुछ अच्छा मिलेगा तो उसे हम अपनी शर्तों के मुताबिक लेंगे.


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