फिल्म एक्टरों का राजनेता बनना मेरे देश के लिए त्रासदी ही है: एक्टर प्रकाश राज
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ``मुझे एक्टरों का राजनीति में आना पसंद नहीं है क्योंकि वे एक्टर हैं और उनके फैंस होते हैं. उनको हमेशा अपने फैंस के प्रति दायित्वों के बारे में सजग रहना चाहिए.``
बेंगलुरू: अपने मुखर विचारों के लिए पहचान बनाने वाले एक्टर प्रकाश राज ने कहा है कि वह किसी भी राजनीतिक दल को ज्वाइन नहीं करेंगे. इसके साथ ही कहा कि फिल्म एक्टरों का राजनेता बनना मेरे देश के लिए त्रासदी ही है. इसी कड़ी में यह भी कहा कि मैं नहीं समझता कि किसी को अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए सिनेमा हॉल में खड़े होना जरूरी होना चाहिए. दरअसल पिछले कई दिनों से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि तमिल सुपरस्टार कमल हासन की तरह ही प्रकाश राज भी सियासी पारी खेलने के मूड में हैं. कमल हासन लगातार इस बात के संकेत दे रहे हैं कि वह नए राजनीतिक दल का गठन करने वाले हैं. वह लगातार राजनीतिक दलों पर निशाना भी साध रहे हैं और लेख लिखकर अपने विचारों को पेश भी कर रहे हैं. उनके एक विवादित लेख का एक्टर प्रकाश राज ने समर्थन भी किया था.
उन चर्चाओं पर विराम लगाते हुए प्रकाश राज ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी पार्टी को ज्वाइन नहीं करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''मुझे एक्टरों का राजनीति में आना पसंद नहीं है क्योंकि वे एक्टर हैं और उनके फैंस होते हैं. उनको हमेशा अपने फैंस के प्रति दायित्वों के बारे में सजग रहना चाहिए.''
इससे पहले हिंदू आतंकवाद वाले बयान पर अभिनेता प्रकाश राज तमिल अभिनेता कमल हासन का साथ देते नजर आए. प्रकाश ने शुक्रवार (3 नवंबर) को अपने एक ट्वीट में पूछा, 'अगर धर्म, संस्कृति और नैतिकता के नाम पर भय फैलना आतंक नहीं है तो यह क्या है? सिर्फ पूछ रहा हूं.' उन्होंने नैतिक पहरेदारी, गौहत्या गोहत्या के संदेह में पीट-पीट कर हत्या करने तथा मजाक उड़ाने का मुद्दा भी उठाया. हालांकि, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता ने अपने ट्विटर पोस्ट में किसी का नाम नहीं लिया. अपने सहकर्मी कमल हासन द्वारा हिंदू दक्षिणपंथियों पर हमला बोले जाने के एक दिन बाद उन्होंने यह टिप्पणी की थी.
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इससे पहले महिला पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के वक्त एक बयान की वजह से प्रकाश राज विवादों में आ गए थे. उस दौरान मीडिया में कहा गया कि वे (प्रकाश राज) अपना राष्ट्रीय सम्मान लौटा रहे हैं. हालांकि बाद में एक वीडियो के जरिए उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि वह 'मूर्ख नहीं है कि राष्ट्रीय पुरस्कारों को लौटाएं.' पत्रकार गौरी लंकेश की पांच सितंबर की रात को अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.