Weather Update of 31 December 2023: देश में न्यू ईयर वीक शुरू होते ही छुट्टियों का माहौल बनना शुरू हो गया है. इसके साथ ही लोग पहाड़ों की ओर उमड़ने शुरू हो गए हैं. गाड़ियों की रेलमपेल से हिमाचल और उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बननी शुरू हो गई है. मनोली, रांगड़ी, कसोल, अटल टनल ऐसे ही जाम से दो-चार हो रहे हैं. 


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न्यू ईयर पर फुल हुए होटल


पर्यटकों की मारामारी से मनाली में अधिकतर होटल न्यू ईयर के लिए फुल हो चुके हैं. वहां के होटलों में इस वक्त 85 प्रतिशत से ज्यादा ऑक्यूपेंसी चल रही है. शिमला में भी ऐसे ही हाल हैं. वहां के होटलों में 80 प्रतिशत कमरे बुक हो चुके हैं. केवल पहाड़ी इलाकों में ही नहीं, मुंबई- गोवा में छुट्टी मनाने के लिए निकले लोगों की वजह से जाम की खबरें आ रही हैं. रायगढ़-मुंबई गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग और मुंबई-पुणे एक्सप्रेस हाईवे पर जाम लगने लगा है. 


भीगा-भीगा हो सकता है न्यू ईयर


उधर मौसम विभाग ने न्यू ईयर के मौसम के लिए अहम भविष्यवाणी की है. मौसम एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ 29 या 30 दिसंबर के आसपास पश्चिमी हिमालय के पास पहुंचने वाला है. इसकी वजह से पश्चिमी भारत और उत्तर-पश्चिम भारत में नए साल की पूर्व संध्या यानी 31 दिसंबर को बारिश हो सकती है. 


आने वाले पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव


इस पश्चिमी विक्षोभ का असर दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी राजस्थान पर भी पड़ेगा. इन इलाकों में न्यू ईयर ईव पर एक- दो स्थानों पर बारिश हो सकती है. वहीं जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी होने के आसार बन रहे हैं. पर्वतीय इलाकों में तेज बारिश होने की उम्मीद है. 


इस दिन से बदल जाएगा मौसम


मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बारिश-बर्फबारी का दौर 29 दिसंबर से शुरू हो जाएगा. इसके अगले दो दिनों यानी 30-31 दिसंबर को मौसमी गतिविधियां तेज होंगी यानी कि इन दो दिनों में बारिश और स्नोफॉल ज्यादा होगा. इस मौसमी बदलाव की वजह से 31 का रात को ठंड बढ़ जाएगी, जिससे न्यू ईयर का जश्न का मजा किरकिरा हो सकता है. 


बाहर जाने पर जरूर बरतें ये सावधानी


मौसम एक्सपर्टों के मुताबिक अगर आप न्यू ईयर पर कहीं बाहर जा रहे हैं तो अपने साथ रेनकोट या छाता जरूर रखें वरना भीगने की वजह से आप बीमार हो सकते हैं. गीली सड़कों पर गाड़ी चलाते वक्त खासा अलर्ट रहें. पहिया फिसलने की वजह से हादसे की आशंका हो सकती है. पहाड़ी इलाकों में बारिश-बर्फबारी होने में भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में हिल एरिया में ट्रैवल करते विशेष ऐहतियात बरतें.