PM Modi New Slogan: स्वतंत्रता दिवस पर PM मोदी ने दिया नया नारा, `जय जवान, जय किसान...` में जोड़ा `जय अनुसंधान`
Jai Jawan, Jai Kisan, Jai Vigyaan, Jai Anusandhan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए नया नारा दिया और `जय जवान, जय किसान...` के साथ जय अनुसंधान जोड़ा.
PM Narendra Modi Gives New Slogan: भारत आजादी के 75 साल पूरे होने पर स्वतंत्रता दिवस को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है और इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले (PM Modi Speech from Red Fort) की प्राचीर पर लगातार 9वीं बार 'तिरंगा' फहराने के बाद राष्ट्र को संबोधित किया. देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने एक नया नारा दिया.
PM मोदी ने 'जय जवान, जय किसान...' में जोड़ा 'जय अनुसंधान'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा, 'लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था और इसमें अटल बिहारी वाजपेयी ने जय विज्ञान जोड़ा था. अब मैं इसमें जय अनुसंधान जोड़ता हूं. अमृतकाल के लिए इनोवेशन बहुत जरूरी है.'
पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत पर दिया जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' पर जोर दिया, इसे 'जन आंदोलन' बनाने का आह्वान किया. पीएम ने लाल किले से कहा, 'आत्मनिर्भर भारत, ये हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है. आत्मनिर्भर भारत, ये सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है. ये समाज का जनआंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है.'
उन्होंने कहा, 'हमने देखा है कि कभी-कभी हमारे टैलेंट भाषा के बंधनों में बंध जाते हैं. ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है. हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए. आत्मनिर्भर भारत, ये हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है. आत्मनिर्भर भारत, ये सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है, ये समाज का जनआंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है.'
देश को संबोधित करते हुए PM मोदी हुए भावुक
लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए और कहा कि देश नारी का अपमान स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा, 'हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं.'
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