Kashmir High alert: भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस एक ऐसे समय में आ रहा है जब कश्मीर के उत्तरी हिस्से में भारतीय सेना के जवान कठोर मौसम और चुनौतीपूर्ण हालातों के बीच नियंत्रण रेखा की सुरक्षा कर रहे हैं. समुद्र तल से 12,500 फीट की ऊंचाई पर, इन सैनिकों को घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए चौबीसों घंटे सतर्क रहना पड़ता है.


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जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में आतंकी हमलों में वृद्धि हुई है, जिससे नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, लगभग 70-80 विदेशी आतंकवादी इस क्षेत्र में सक्रिय हैं, जो मुख्यतः उत्तरी कश्मीर और जम्मू क्षेत्र के ऊंचे इलाकों में छिपे हुए हैं. भारतीय सेना के जवान इन आतंकवादियों को ढूंढ़ने और उन्हें नाकाम करने के लिए घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ियों में गश्त कर रहे हैं.


इस इलाके में तैनात जवानों को कठिन परिस्थितियों के बावजूद आधुनिक तकनीक और उपकरणों से लैस किया गया है. सैनिकों के पास नवीनतम हथियार और सर्विलांस तकनीक है, जिससे वे दुश्मन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं. साधना टॉप जैसे ऊंचे स्थानों पर सैनिक यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी घुसपैठिया या हथियार इस क्षेत्र से न गुजर सके.


स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उत्तरी कश्मीर की सीमाओं पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है, क्योंकि खुफिया इनपुट मिले हैं कि पाकिस्तान की सेना और आतंकी इस अवसर पर कोई गतिविधि कर सकते हैं. सेना ने नियंत्रण रेखा पर कड़ी निगरानी बनाए रखी है, ताकि देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.


इन कठिन हालातों में भी भारतीय सेना के जवान अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं, और देश की सेवा के प्रति उनका समर्पण उन्हें हर चुनौती से निपटने की ताकत देता है.