Terrorist Attack: भारत की बढ़ती ताकत के आगे देश को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखने वाले आतंकी समूह की घबराहट सामने आने लगी है. तमाम प्रयासों के बाद भी विफल आतंकी अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं. अब आतंकियों को भारत में हमले के लिए ट्रेनिंग अफगानिस्तान से लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए दी जा रही है. सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि तैयार किए जा रहे आतंकी मॉडयूल को लव जेहाद को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.


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इतना ही नहीं भारत में आतंकी जड़ें जमाने के लिए आपसी गठबंधन भी कर रहे हैं. पिछले 30 दिन से मध्यप्रदेश से लेकर हैदराबाद तक सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की जा रही कार्रवाई में कई सनसनीखेज जानकारियां सामने आईं हैं. जी न्यूज के पास इन जानकारियों का एक्सक्लूसिव ब्योरा औऱ दस्तावेज भी मौजूद हैं. आतंकियों के खिलाफ एनआईए और मध्यप्रदेश एटीएस 9 मई से कार्रवाई कर रहे हैं. 


भारत में आतंकी नफरत की आग फैलाने के साथ-साथ अपनी जड़ें जमाने की बड़ी साजिश रच रहे हैं. इसके लिए मुस्लिम युवाओं का ब्रेन वॉश कर उन्हें आतंकी ट्रेनिंग के लिए अफगानिस्तान भेजा जाने लगा है. इसके अलावा अफगानिस्तान से लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए भी इन्हें आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही है. एक सप्ताह पहले पुंछ में पकड़े गए आतंकी से मिला आईईडी प्रेशर कुकर अफगानिस्तान का था. जबलपुर से 27 मई को पकड़े गए आईएसआईएस के आतंकी मॉडयूल के तीन आरोपियों से पूछताछ में इसका खुलासा हुआ है. पकड़े गए आतंकियों से बरामद फोन में मिली सामग्री से यह भी आशंका है कि इन्हें लव जेहाद को बढ़ावा देने का निर्देश भी दिया जा रहा है.


इससे पहले मध्यप्रदेश और हैदराबाद में की गई कार्रवाई में पकड़े गए 16 आतंकियों से पूछताछ में यह भी पता लगा है कि देश में आतंकी जड़े जमाने के लिए आतंकी संगठनो में नए गठबंधन कर रहे हैं. ताजा गठबंधन हिज्ब-उत-तहरीर और आईएसआईएस के बीच बताया जा रहा है. एमपीएटीएस और एनआईए द्वारा मध्यप्रदेश और हैदराबाद में की गई कार्रवाई में इस गठबंधन के बारे में खुलासा हुआ है. विशेषज्ञों की राय में यह ट्रेंड काफी खतरनाक है.  


सिक्योरिटी एक्सपर्ट आलोक बंसल ने कहा कि आज दुर्भाग्य से अफगानिस्तान में न केवल तालिबान की हुकूमत है बल्कि दुनिया भर के कट्टर संगठनों की वहां पैठ है. इसका फायदा उठाकर विभिन्न संगठन भारत में लोगों को आतंक की ओर प्रेरित करने की हिंसक कोशिश कर रहे हैं. एनआईए और मध्यप्रदेश एटीएस ने 26 मई को सैयद ममूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद को जबलपुर से गिरफ्तार किया था. एनआईए के मुताबिक तीनों आईएसआईएस की गतिविधियों को बढ़ावा देने में मशगूल थे. 


एनआईए को पहले इन तीनों की 7 दिन की रिमांड मिली थी, मगर मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने इन्हें फिर से सात दिन की रिमांड में भेज दिया. दरअसल जबलपुर से गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं. उनके पास से बरामद दस्तावेजों से पता लगा है कि इन्होंने आगामी 27 सालों की योजना बना रखी थी. इन्हें साल 2050 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का टास्क सौंपा गया था. इस मकसद के लिए इन्होंने सॉफ्ट टारगेट उसको बनाया जो पहले से ही कट्टर इस्लामी विचारधारा से प्रभावित थे. इन्होंने अपने काम के लिए पहले से स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के गढ़ रहे खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर जैसे मुस्‍लिम बहुल जिलों को चुना था. 


ऐसा इसलिए क्योंकि इन जिलों में सक्रिय रहे पूर्व सिमी कार्यकर्ताओं के माध्यम से युवाओं को बरगला कर अपने ग्रुप में शामिल करना ना केवल आसान था बल्कि कथित जेहाद के लिए उन्हें इस्तेमाल करना भी सरल था. क्योंकि ये युवा पहले से ही कट्टर इस्लामी विचारधारा से प्रभावित थे.


पकड़े गए तीनों आरोपी आतंकी फिसाबिल्लाह नामक ग्रुप चलाते थे. इस ग्रुप की मीटिंग जबलपुर के ओमती स्थित पेशकारी मस्जिद में हुआ करती थी. इस ग्रुप में पढ़े-लिखे मुस्लिम युवाओं को टारगेट किया जाता था. इनके फोन में हिंदू लड़कियों के फोटो और फोन नंबर मिले हैं. शक है की ऐसा लव जेहाद को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा था. इसके साथ ही ऐसे युवाओं से कवर पाना भी आसान होता है. युवाओं को आईएसआईएस से जोड़ने के लिए कई यूट्यूब चैनल इंस्टाग्राम भी चला रहे थे. 


सिक्योरिटी एक्सपर्ट आलोक बंसल ने रहा कि इसके बारे में काफी कुछ सामने आ चुका है. इन्वेस्टिगेशन चल रही है लेकिन हमने देखा है कि जो लोग कन्वर्ट होते हैं, वो और भी ज्यादा कट्टरपंथी, जो न्यू कन्वर्ट हैं वो सामान्य से ज्यादा कट्टर होते हैं. आतंकियों के खिलाफ मध्यप्रदेश से लेकर हैदराबाद तक की गई एमपीएटीएस और एनआईए की कार्रवाई में सनसनीखेज खुलासा होने का सिलिसिला जारी है. 


जी न्यूज के पास एमपीएटीएस द्वारा 9 मई को दर्ज एफआईआर की तहरीर और एनआईए द्वारा दर्ज एफआईआर की एक्सक्लूसिव प्रति भी मौजूद है. इसके मुताबिक हिज्ब-उत-तहरीर यानि एचयूटी से जुड़े लोगों की साजिश प्रदेश में हिन्दुवादी संगठन के नेताओं, धार्मिक स्थलों एवं भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर हमला करने की थी. इसके लिए ये युवाओं की भर्ती कर रहे थे और हथियार भी जमा कर रहे थे.


यह शुक्र की बात है कि एमपी एटीएस और एनआईए ने वक्त रहते इस तरह की साजिश का पर्दाफाश कर करीब डेढ़ दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन क्या इतनी बड़ी साजिश सिर्फ डेढ़ दर्जन लोगों तक ही सीमित थी या इसका दायरा काफी बड़ा है? इसी सवाल का जवाब सुरक्षा एजेंसियां भी तलाश रही हैं.