लद्दाख: भारत और चीन (India-China) के बीच आज (9 अप्रैल) कोर कमांडर स्तर की 11वें दौर की वार्ता होगी. सुबह 10:30 बजे से शुरू होने वाली बैठक में गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स (Gogra and Hot Springs) इलाके से सैनिकों की जल्द वापसी पर बातचीत होगी. इसके अलावा, देपसांग में लंबित मुद्दों के समाधान पर भी जोर दिया जाएगा.


भारत की ओर से जनरल पीजीके मेनन होंगे शामिल


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भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 11वें दौर की वार्ता में भारत की ओर से लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन शामिल होंगे. मेनन 10वें दौर की वार्ता में भी मौजूद थे और उन्हें लद्दाख (Ladakh) से जुड़ा अच्छा अनुभव है. बता दें कि लंबी सैन्य और राजनयिक वार्ताओं के बाद फरवरी में पेंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सेनाओं और हथियारों को पूरी तरह हटाने के समझौते पर सहमति बनी थी, लेकिन कई पर्वतीय इलाके ऐसे हैं, जहां पर अभी भी हालात पहले जैसे हैं.


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करीब 1 साल पहले शुरू हुआ था विवाद


बता दें कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवाद पिछले साल मई में शुरू हुआ था, जब चीन ने लद्दाख के अक्साई चिन की गलवान घाटी में भारत की ओर से सड़क निर्माण को लेकर आपत्ति जताई थी. 5 मई को भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद सैन्य गतिरोध पैदा हो गया. इसके बाद चीनी सैनिक 9 मई को सिक्किम के नाथू ला में भी भारतीय सैनिकों के साथ उलझ गए थे, जिसमें कई सैनिकों को चोटें आई थीं. 15 जून को लद्दाख के गलवान घाटी में भी भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे.


नरम पड़ गए हैं चीन के तेवर


शुरुआत में चीन (China) के अड़ियल रुख की वजह से बात आगे नहीं बढ़ पा रही थी, लेकिन भारत की तरफ से हुई कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते दबाव के बाद चीन के रुख में थोड़ी नरमी आई. इसके बाद दोनों पक्ष पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों की वापसी पर सहमत हुए. अभी भी कई इलाकों को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है. इसलिए कमांडर स्तरीय वार्ता को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.