नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच दिल्ली में आयोजित टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता (India USA 2+2 dialogue) में 'बेका' (BECA) समेत 5 बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए. तीसरी 2+2 वार्ता में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) और मार्क एस्पर (Mark Esper) से बातचीत की. बैठक के बाद दोनों देशों के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संयुक्त बयान जारी किया.


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भारत-अमेरिका के बीच सैन्य समझौता
भारत और यूनाइटेड स्टेट्स ने बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौते (BECA) पर हस्ताक्षर किया. रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव जीवेश नंदन ने भारत की ओर से समझौते पर हस्ताक्षर किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के साथ BECA पर हस्ताक्षर को एक 'महत्वपूर्ण उपलब्धि' बताया और कहा कि इससे सूचना साझाकरण में नए रास्ते खुलेंगे. हम यूएस के साथ आगे के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं.


क्या है बेका (BECA) समझौता
भारत और अमेरिका के बीच हुए बेका (BECA) समझौते से चीन और पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस समझौते से अमेरिकी सैटेलाइटों द्वारा जुटाई गई जानकारियां भारत के साथ साझा की जा सकेंगी. इसके साथ ही अमेरिका के संवेदनशील संचार डाटा तक भारत की पहुंच होगी. इससे भारतीय मिसाइलों की क्षमता सटीक और बेहद कारगर होगी. ये समझौता दोनों देशों को सशस्त्र बलों के बीच विस्तारित भू-स्थानिक जानकारी साझा करने की अनुमति देगा.


बेका समेत इन 5 समझौते पर किए गए हस्ताक्षर


1. बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौता (Basic Exchange and Cooperation Agreement)
2. पृथ्वी विज्ञान पर तकनीकी सहयोग के लिए समझौता (MoU for technical cooperation on earth sciences)
3. परमाणु सहयोग पर व्यवस्था का विस्तार (Arrangement extending the arrangement on nuclear cooperation)
4. डाक सेवाओं पर समझौता (Agreement on postal services)
5. आयुर्वेद और कैंसर अनुसंधान में सहयोग पर समझौता (Agreement on cooperation in Ayurveda and Cancer research)


अमेरिका के साथ सहयोग बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहा
'टू प्लस टू' वार्ता के बाद संयुक्त बयान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की है. उन्होंने कहा, 'अमेरिका के साथ सैन्य स्तर का हमारा सहयोग बहुत बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहा है, रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास के लिए परियोजनाओं की पहचान की गई है.'


बैठक के दौरान पड़ोसी देशों पर भी हुई चर्चा
साझा बयान में राजनाथ सिंह ने कहा कि सैन्य सहयोग के लिए हमारी सेना बहुत अच्छी प्रगति कर रही है. दो दिनों की बैठक में, हमने अपने पड़ोसी और उससे आगे के तीसरे देशों में संभावित क्षमता निर्माण और अन्य संयुक्त सहयोग गतिविधियों के बारे में चर्चा की.


रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को मजबूत किया
अमेरिका के रक्षा मंत्री ने कहा कि जैसा कि दुनिया एक वैश्विक महामारी और बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रही है. भारत-अमेरिका की साझेदारी क्षेत्र और दुनिया की सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. हमने विशेष रूप से पिछले साल अपनी रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को मजबूत किया, जिसके दौरान हमने अपनी क्षेत्रीय सुरक्षा और सूचना साझाकरण को उन्नत किया है. हमारा सहयोग एक स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत के दिन और सिद्धांतों की चुनौतियों को पूरा करता है.


गलवान घाटी में शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि
संयुक्त बयान के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा, 'हमने नेशनल वॉर मेमोरियल का दौरा किया, जहां गलवान घाटी में शहीद हुए 20 जवानों समेत भारतीय सशस्त्र बल के बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. अमेरिका भारत के साथ खड़ा है, क्योंकि दोनों संप्रभुता और स्वतंत्रता के खतरों का सामना कर रहे हैं.'


आतंकवाद पूरी तरह से अस्वीकार्य
संयुक्त बयान में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने कहा कि बैठक के दौरान हमारे पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते पर भी बात हुई. हमने स्पष्ट किया कि सीमा पार आतंकवाद पूरी तरह से अस्वीकार्य है. उन्होंने बताया कि इंडो पैसिफिक क्षेत्र हमारी वार्ता का विशेष केंद्र बिंदु था. हमने इस क्षेत्र में सभी देशों के लिए स्थिरता और शांति और समृद्धि के महत्व को दोहराया.