Ministry of Defense: देश की सुरक्षा में इस्तेमाल हो रहे ड्रोन में चीनी पुर्जों के इस्तेमाल पर लगाम लगेगी. रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए ड्रोन बनाने वाली कंपनियों को सख्त निर्देश दिए हैं. सुरक्षा के लिहाज डिफेंस मिनिस्ट्री ने बड़ा कदम उठाया है. रक्षा मंत्रालय ने 200 ड्रोन का ऑर्डर भी होल्ड कर दिया है. ड्रोन बनाने वाली कंपनियों से चीन के पुर्जे ना होने की जानकारी मांगी गई है.


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चीन पर लगाम लगाने की तैयारी


निजी कंपनियों से खरीदे जा रहे ड्रोन्स में चीन के कंपोनेंट ना हों, यह सुनिश्चित कराया जा रहा है. जिसके साथ ही सेना में इस्तेमाल हो रहे ड्रोन में चीन में बने पुर्जों के इस्तेमाल पर रोक लग गई. भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुये ये कदम उठाया गया है. ड्रोन में लगे चीनी पार्ट्स मिलिट्री ऑपरेशंस, कम्युनिकेशंस, कैमरा फंक्शन, रेडियो ट्रांसमिशन और सॉफ्टवेयर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं. और सेना का सीक्रेट डाटा चीनी हाथों में पड़ने का बड़ा जोखिम है. 


सेना और रक्षा मंत्रालय का बड़ा कदम


जिसे देखते हुए सेना और रक्षा मंत्रालय ने ऐसे ड्रोन मैन्युफैक्चरर को ब्लैक लिस्ट भी किया. मेजर जनरल सी एस मान डायरेक्टर आर्मी डिजाइन ने कहा कि हम इसके तरीकों का पता लगा रहे हैं कि कैसे उनके विशेष पहलू पर काबू पाया जाए. विभिन्न तरीकों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है.


ड्रोन में चीनी पुर्जों के इस्तेमाल पर भारत सख्त


भारत के रक्षा मंत्रालय ने देश की सुरक्षा के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए ड्रोन में चीनी पुर्जों के इस्तेमाल पर सख्त नियंत्रण लगाने का निर्णय लिया है. इसके तहत ड्रोन बनाने वाली कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि उनके ड्रोन में किसी भी प्रकार के चीनी पुर्जों का इस्तेमाल न हो.


रक्षा मंत्रालय की सख्ती


चीन के पुर्जों पर रोक: ड्रोन बनाने वाली कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने उत्पादों में चीनी कंपोनेंट्स का इस्तेमाल न करें.


ऑर्डर होल्ड: 200 ड्रोन के ऑर्डर को तब तक होल्ड पर रखा गया है, जब तक कि यह सुनिश्चित न हो जाए कि इनमें कोई चीनी पुर्जा नहीं है.


सेना की सुरक्षा: चीन से बढ़ते तनाव के बीच यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भारतीय सेना द्वारा उपयोग किए जा रहे ड्रोन में चीनी पुर्जों का कोई हिस्सा न हो, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है.


ब्लैक लिस्टिंग: चीनी पुर्जों का इस्तेमाल करने वाली ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया जा रहा है.


ड्रोन से जुड़े चिंता के विषय


मिलिट्री ऑपरेशंस: चीनी पुर्जों के इस्तेमाल से मिलिट्री ऑपरेशंस और कम्युनिकेशन में सेंध लगने का खतरा है.


डेटा सुरक्षा: कैमरा फंक्शन, रेडियो ट्रांसमिशन और सॉफ्टवेयर में लगे चीनी पार्ट्स से सेना का संवेदनशील डेटा चीन के हाथों में जाने का बड़ा जोखिम है.


उपायों पर विचार-विमर्श: मेजर जनरल सी एस मान के अनुसार, इस खतरे पर काबू पाने के लिए विभिन्न तरीकों पर विचार किया जा रहा है.