Brahmos Supersonic Missiles: समंदर में चीन (China) की टेंशन बढ़ने वाली है. भारतीय नौसेना (Indian Navy) 200 से ज्यादा ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल खरीदने की तैयारी में है. रक्षा मंत्रालय से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है. भारत और रूस की संयुक्त रूप से बनी कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस (Brahmos Aerospace) को इसका ऑर्डर मिलेगा. इंडियन नेवी में 200 से ज्यादा ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल शामिल होंगी. इससे समंदर में इंडियन नेवी की ताकत और भी बढ़ जाएगी. चीन हिंद महासागर में कोई हरकत करने से पहले कम से कम 100 बार सोचेगा. वहीं, पाकिस्तान का तो हाल ही खराब है. इसमें भारत को रूस का भी साथ मिल रहा है. दोनों देशों की जॉइंट वेंचर कंपनी ब्रह्मोस मिसाइलों के ऑर्डर को पूरा करेगी.


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ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का खौफ


बता दें कि भारत-रूस की जॉइंट वेंचर कंपनी ने हाल ही में हाई लेवल पर मिसाइल की टेस्टिंग की. इसके अलावा ये मिसाइल को स्वदेशी सीकर से भी लैस करने जा रहे हैं. सीनियर डिफेंस अफसरों ने बताया कि 200 से ज्यादा ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को हासिल करने का इंडियन नेवी का प्रस्ताव एडवांस स्टेज में है. रक्षा मंत्रालय जल्द ही इसे मंजूरी दे सकता है.


टेंशन में आए भारत के दुश्मन!


जान लें कि भारत-रूस की ज्वाइंट वेंचर कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने मिसाइल सिस्टम के क्षेत्र में अच्छी खासी प्रगति की है. कंपनी ने मिसाइल की रेंज को 290 से बढ़ाकर 400 किलोमीटर तक कर दिया है. भारत के दुश्मन ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का नाम सुनते ही टेंशन में आ जाते हैं.


मिसाइल एक्सपोर्ट में आगे बढ़ा भारत


गौरतलब है कि ब्रह्मोस मिसाइलें फिलीपींस को भी एक्सपोर्ट की जा रही हैं. ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रधानमंत्री मोदी के दिए हुए 5 बिलियन डॉलर के एक्सपोर्ट के टारगेट को हासिल करने की तरफ काम कर रहा है. बताया जा रहा है कि फिलीपींस के साथ पहली एक्सपोर्ट डील 375 मिलियन डॉलर की होगी, जिसे साल 2025 तक बढ़ाकर 5 बिलियन डॉलर तक करने का लक्ष्य है.


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