India-China LAC Issue: भारत और चीन के बीच अहम समझौते के बाद एलएसी पर तनाव कम होना शुरू हो गया है. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो पॉइंट्स-डेमचोक और देपसांग में सैनिकों की वापसी हो गई है और जल्द ही इन पॉइंट्स पर पेट्रोलिंग शुरू कर दी जाएगी. भारतीय सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को दिवाली के मौके पर दोनों पक्ष एक-दूसरे को मिठाई देंगे. उन्होंने बताया कि सैनिकों के पीछे हटने के बाद वेरिफिकेशन का काम चल रहा है और जमीनी कमांडरों के बीच बातचीत के जरिए गश्त के तौर-तरीके तय किए जाएंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सेना के एक सूत्र ने कहा कि स्थानीय कमांडर स्तर पर बातचीत चल रही है. सूत्रों ने 25 अक्टूबर को बताया था कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक, समझौते की रूपरेखा पर पहले राजनयिक स्तर पर दस्तखत किए गए और फिर सैन्य स्तर की बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि समझौते की बारीकियों पर कोर कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान काम किया गया था. दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते का पालन करते हुए इन क्षेत्रों में तैनात भारतीय सैनिकों ने अपने उपकरण हटाने शुरू कर दिए.


एलएसी से सैनिकों को हटा रहे पीछे


इससे पहले चीन ने बुधवार को कहा कि चीनी और भारतीय सेनाएं एलएसी पर व्यवस्थित तरीके से सैनिकों को पीछे हटा रही हैं. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन और भारत के बीच सीमा से जुड़े मुद्दों पर एक सहमति बनी है. भारत और चीन के बीच हुए अहम समझौते के बाद, दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख के देमचोक और देपसांग में टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाना शुरू कर दिया. 


गलवान हिंसा के बाद आ गया था तनाव


जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया था. पिछले कुछ दशकों में, दोनों पक्षों के बीच यह सबसे भीषण सैन्य टकराव था. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को कहा था कि पिछले कई हफ्तों में हुई बातचीत के बाद समझौतों को अंतिम रूप दिया गया और यह 2020 में उपजे मुद्दों का समाधान करेगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर हुए समझौते का 23 अक्टूबर को समर्थन किया था.