Indian Navy Warships: देश के दुश्मन हों या फिर इंसानियत के, हर शत्रु से निपटने को हिंदुस्तान तैयार है. अरब सागर में व्यापारिक जहाजों पर बढ़ रहे हमलों के बाद भारतीय नौसेना (Indian Navy) अलर्ट है. भारत ने अरब सागर में करीब 10 युद्धपोत (Indian Navy Warships) तैनात कर दिए हैं, जिसके बाद अब समुद्री लुटेरों (Pirates) का बच पाना नामुमकिन है. वहीं, भारत ने अपने क्वाड मेंबर जापान के साथ साझा एक्सरसाइज करके चीन-पाकिस्तान जैसे दुश्मनों को कड़ा संदेश भी दिया. इस वॉर एक्सरसाइज में कई जहाज और एयरक्राफ्ट शामिल हुए.


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समंदर में तैनात हुए दुश्मनों का 'काल'!


अरब सागर में कारोबारी जहाजों पर हमले बढ़ रहे हैं. लेकिन अब इन लुटेरों की उलटी गिनती शुरू हो गई है क्योंकि इन लुटेरों पर लगाम लगाने के लिए भारत ने कमर कस ली है. समुद्री डकैतों से बचाने के लिए नौसेना ने अरब सागर और अदन की खाड़ी में कुल 10 युद्धपोत तैनात किए हैं. इनमें INS मोरमुगाओ, INS कोलकाता, INS कोच्चि, INS चेन्नई, INS तरकश, INS तलवार शामिल हैं. अब समंदर में होने वाली हर घटना पर हिंदुस्तान की नजर रहेगी. तैनात किए गए ये युद्धपोत किसी भी घटना को रोकने को ना केवल तैयार रहेंगे बल्कि हर हालात पर नजर भी रखेंगे.


जब समुद्री लुटेरों भारत ने चटाई धूल


कुछ दिन पहले ही INS चेन्नई पर गए मार्कोस कमांडो ने 21 बंधकों को समुद्री लुटेरों से छुड़ाया था, जिनमें 15 भारतीय थे. समुद्री लुटेरों ने एमवी लीला नॉरफोक शिप को अगवा करने की कोशिश की थी, लेकिन मार्कोस कमांडो ने ऑपरेशन चलाकर लुटेरों के कब्जे से सभी को बचा लिया और लुटेरे अपनी जान बचाकर भाग खड़े हुए.


पाताल तक नहीं बच पाएंगे समुद्री लुटेरे


जान लें कि अरब सागर और अदन की खाड़ी में सोमालियाई समुद्री लुटेरों के हमले के बाद भारतीय नौसेना अलर्ट हो गई है और इन जंगों जहाजों को पूरे अरब सागर में अलग-अलग जगहों पर तैनात किया गया है, ताकि लुटेरों और ड्रोन हमलों से जहाजों को बचाया जा सके. समंदर में भारत की ताकत जिस कदर बढ़ी है, उससे समुद्री लुटेरों खौफ में हैं तो वहीं दुश्मन देशों को भी चेतावनी मिल चुकी है कि अब उनके नापाक मंसूबों की खैर नहीं.


समंदर में जापान के साथ उतरा भारत


समंदर में हिंदुस्तान को कोई भी चुनौती मिले, देश के शूरवीर हर मुश्किल से टकराने को हरदम तैयार हैं. अब बंगाल की खाड़ी में हिंदुस्तान का दमखम एक बार फिर पूरी दुनिया देख रही है. भारत और जापान के तट रक्षकों ने चेन्नई के पास बंगाल की खाड़ी में जमकर युद्धाभ्यास किया. 5 दिनों तक चले इस अभियान का मकसद गश्त के दौरान आने वाली समस्याओं, युद्ध के दौरान आपसी सामंजस्य और मुश्किल में फंसे जहाज चालक दल को बचाने का था. भारत और जापान के तट रक्षकों के इस युद्धाभ्यास को सहयोग काइजिन नाम दिया गया.


इंडियन नेवी ने समंदर में दिखाया शौर्य


बता दें कि जापान के साथ युद्धाभ्यास के लिए भारत के जंगी जहाज जब समंदर में उतरे और जवानों ने जो शौर्य दिखाया तो दुश्मन भी खौफ से कांप उठा. इस एक्सरसाइज में भारतीय तटरक्षक बल के 9 जहाज और 6 एयरक्राफ्ट शामिल हुए. वहीं जापान तटरक्षक बल का जहाज याशिमा इस युद्ध अभ्यास का हिस्सा बना.


आपको बता दें कि भारत और जापान के बीच सहयोग काइजिन अभ्यास को लेकर साल 2006 में समझौता हुआ था. इसी के बाद से लगातार दोनों देश इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेते हैं. और इस बार भी जापान के साथ मिलकर भारत ने समंदर में शक्ति प्रदर्शन किया. दोनों देशों ने समुद्री डकैती की रोकथाम, टक्कर और तेल रिसाव, मानवीय सहायता और भूकंप प्रतिक्रिया को लेकर अपनो शक्तियों को साझा किया.


पिछले कुछ दिनों में हिंद महासागर में समुद्री डकैती की वारदातें बढ़ी हैं. साथ ही चीन भी हिंद महासागर में अपनी हिमाकत से बाज नहीं आ रहा. ऐसे में भारत और जापान लगातार आपसी सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं. इस संयुक्त युद्धाभ्यास में भारत की ओर से आईसीजीएस शौर्य, आईसीजीएस सुजय, आईसीजीएस समुद्र पहरेदार और दो चेतक हेलीकॉप्टर भी शामिल थे.


भारत और जापान दोनों क्वाड समूह के सदस्य हैं और इसी से इस युद्धाभ्यास की अहमियत और भी बढ़ जाती है. समंदर में हिंदुस्तान की ताकत से पूरी दुनिया वाकिफ हो चुकी है. लेकिन अब समुद्री लुटेरों की भी खैर नहीं है.