Bullet Train News: बुलेट ट्रेन से सफर करने का सपना जल्द ही साकार हो सकता है. बुलेट ट्रेन के ट्रायल के लिए ऐसा टेस्ट ट्रैक तैयार किया गया है कि उसकी एक-एक जरूरत को पूरा किया जा सके. पहले फेज का काम सितंबर में पूरा होने के बाद 230 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से बुलेट ट्रेन का ट्रायल किया जा सकेगा. खास बात ये है कि रेलवे ने सैटेलाइट की मदद से इसे ढूंढा और नया नेटवर्क तैयार किया. जोधपुर राजस्थान में देश का पहला बुलेट ट्रेन ट्रायल ट्रैक जल्द बनकर तैयार होने वाला है. ट्रैक का करीब 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है.


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देश का पहला बुलेट ट्रेन ट्रायल ट्रैक


नमक के शहर में अब बुलेट ट्रेन के ट्रायल की तैयारी ज़ोर शोर से चल रही है. राजस्थान में देश का पहला बुलेट ट्रेन ट्रायल ट्रैक बनकर लगभग तैयार है. पहले फेज का काम सितंबर में पूरा होने के बाद 230 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से बुलेट ट्रेन का ट्रायल किया जा सकेगा. खास बात ये है कि करीब 60 किलोमीटर लंबा यह रेलवे ट्रैक सांभर झील के बीच से निकाला गया है. यह वही ट्रैक है, जहां अंग्रेजों ने जयपुर-जोधपुर के लिए लाइन बिछाई थी. लेकिन 50 साल से यह लाइन मिट्टी में दब चुकी थी. रेलवे ने सैटेलाइट की मदद से इसे ढूंढा और नया नेटवर्क तैयार किया.


60 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक का नेटवर्क


खास बात ये है कि यह ट्रैक जयपुर से करीब 93 किलोमीटर दूर सांभर लेक के दूसरे छोर गुढ़ा से शुरू होकर मीठड़ी तक जाता है. जहां नमक की क्यारियों के बीचों-बीच करीब 60 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक का नेटवर्क बिछाया जा चुका है. इसके लिए चार स्टेशन बनाए गए हैं गुढ़ा, जाबड़ी नगर, नावां और मीठड़ी. इसमें मुख्य स्टेशन नावां सिटी रहेगा. अब आपको बताते हैं कि इस महा टेस्ट के लिए राजस्थान को ही क्यों चुना गया है. दरअसल साल्ट लेक एरिया की करीब 50 किलोमीटर जमीन रेलवे के पास है. समय की बचत और लागत कम करने के लिए है नवां सिटी के पास की इस जगह को चुना गया.


सितंबर में हो सकता है पहला ट्रायल 


बताया जा रहा है कि सितंबर में ही यहां पहला ट्रायल हो सकता है. रेलवे के मुताबिक टेस्ट ट्रैक का अधिकांश काम पूरा हो चुका है. और एक बार में ही पूरा ट्रायल करने की पूरी तैयारी है. खुद रेल मंत्री भी देश में बुलेट ट्रेन के काम में आ रही चुनौतियों से निपटते आ रहे हैं. भविष्य में राजस्थान में बुलेट ट्रेन चलाने को लेकर सर्वे भी हो चुका है. दिल्ली से अहमदाबाद तक चलने वाली इस ट्रेन के 9 स्टेशन राजस्थान में होंगे. 875 किलोमीटर लंबे ट्रैक में से करीब 657 किलोमीटर का ट्रैक 7 जिलों अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और डूंगरपुर से गुजरेगा. इससे पर्यटकों को भी फायदा होगा.


ट्रैक पर 5 तरह के टेस्ट


जाहिर है बुलेट की रफ्तार से काम चल रह है.. देशवासियों को भी देश की पहली बुलेट ट्रेन का इंतज़ार बेसब्री से है. अब आपको बताते हैं कि बुलेट ट्रेन के ट्रैक पर 5 तरह के टेस्ट किए जा सकते हैं.. 


- स्टील और RCC से बने पुल को कंपनरोधी बनाने में नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है. ऊपर से स्पीड में ट्रेन गुजरने पर क्या रिस्पांस रहता है, इसका ट्रायल इन पुल के जरिए किया जा सकेगा.


- साथ ही घुमावदार टेस्ट ट्रैक भी बनाया गया है. 60 किलोमीटर लंबा यह ट्रैक एकदम सीधा नहीं है, बल्कि इसमें कई घुमावदार पॉइंट हैं. इससे स्पीड में आ रही ट्रेन घुमावदार ट्रैक पर बिना स्पीड कम किए कैसे गुजरेगी, इ


- लूप लाइन और कर्व लाइन भी बनाई गई है. 
 नावां स्टेशन में 3 किलोमीटर का एक क्विक टेस्टिंग लूप और मीठड़ी में 20 किलोमीटर का कर्व टेस्टिंग लूप बनाया गया है. 


- जबकि ट्विस्टी ट्रैक भी बनाया गया है. ​​अगर ट्रैक खराब हो जाए तो कितनी स्पीड रखी जाए, उसके क्या प्रभाव होंगे, इसके ट्रायल के लिए ही 7 किलोमीटर लंबा ट्विस्ट ट्रैक यानी खराब ट्रैक भी बिछाया गया है. इसके लिए नए ट्रैक को खराब कर उसे लगाया गया है. इस पर बोगी, इंजन गुजारकर फिटनेस जांची जा रही है.


- डेडिकेटेड टेस्ट ट्रैक भी तैयार हो गया है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक बुलेट ट्रेन ही नहीं भविष्य में हाईस्पीड, सेमी हाईस्पीड ट्रेन, मेट्रो ट्रेन के ट्रायल भी यहीं पर हुआ करेंगे.