नई दिल्ली: बढ़ते कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के बीच वैक्सीन की कमी होने की खबरों ने आम जनता की चिंता बढ़ा दी है. ऐसे में सरकार अब वैक्सीन के उत्पादन को कई गुना बढ़ाने के लिए जुट गई है. सरकार ने रूसी कोरोना वैक्सीन SPUTNIK V को इमरजेंसी प्रयोग के लिए मंजूरी दे दी है. वहीं इस वर्ष सितंबर के अंत तक भारत को चार अन्य निर्माताओं से कोरोना वैक्सीन मिलने की भी उम्मीद है. फिलहाल भारत में कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सिन (Covaxin) का निर्माण हो रहा है.


ये वैक्सीन भी हैं लाइन में


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Sputnik V vaccine भारत में डॉ रेड्डी के साथ मिलकर तैयार की गई है. रूसी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने वैक्सीन के उत्पादन के लिए हैदराबाद स्थित डॉ रेड्डी, हेटेरो बायोफार्मा, ग्लैंड फार्मा, स्टेलिस बायोफार्मा और विच्रो बायोटेक जैसी भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियों के साथ एक करार किया है. इसके अलावा Johnson & Johnson vaccine (बायोलॉजिकल ई के साथ), Novavax vaccine (सीरम इंडिया के सहयोग से), Zydus Cadila vaccine और भारत बायोटेक की Intranasal Vaccine भी कतार हैं. ये चारों वैक्सीन भी सिंतबर-अक्टूबर तक मिलने की उम्मीद है.


कोरोना के खिलाफ जंग में बड़ी राहत मिल सकती है


Sputnik V वैक्सीन को इमरजेंसी ट्रायल के लिए लगभग 20 COVID-19 टीकों में सबसे पहले मंजूरी मिली है. देश में 850 मिलियन खुराक की उत्पादन क्षमता के साथ Sputnik V, COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में बड़ी भूमिका निभा सकती है. सूत्रों के मुताबिक जून में Sputnik V के उपलब्ध होने की उम्मीद है. सब कुछ ठीक रहा तो जॉनसन एण्ड जॉनसन का Bio E अगस्त तक उपलब्ध हो सकता है,  Cadilla Zydus भी अगस्त में तैयार हो सकती है, Novavex (सीरम) सितंबर तक और Nasal Vaccine (भारत) अक्टूबर तक उपलब्ध हो सकती है. 


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तेजी से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण


बता दें, देशभर में एक बार फिर से कोरोना के मामलों में तेजी दर्ज की जा रही है. हर रोज नए रिकॉर्ड के साथ मामले सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक आज देशभर में कोरोना के 1 लाख 68 से ज्यादा नए मरीज सामने आए हैं और 900 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. कुल आंकड़ों की बात करें तो भारत में अब तक 1,35,27,717 मरीज आ चुके हैं. जिनमें से 1,21,56,529 लोग ठीक हो चुके हैं. जिसके बाद कुल एक्टिव मामलों की तादाद 12,01,009 बची है. वहीं अगर कुल मरने वालों की बात करें तो 1,70,179 लोग इस बीमारी से जंग हार गए. इसके अलावा 10,45,28,565 लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है.


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