भारत का सही इतिहास लिखने का समय आ गया है, अंधेरा छंटता है तो विरोधी शोर मचाते हैं: RSS
Dattatreya Hosabale on India: दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, ऐसे कई उदाहरण हैं जब छात्रों को `राष्ट्र` और `राष्ट्र संस्कृति` से जुड़े विषयों पर पीएचडी करने से रोका गया, वहीं कुछ को भारत के `सही इतिहास` पर पीएचडी नहीं करने दी गई. संघ पदाधिकारी ने कहा, `मैं ऐसी कई घटनाएं जानता हूं. एक वक्त था जब देश में, देश के बारे में बोलने को नफरत भरी नजर से देखा जाता था.
RSS History: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने सोमवार को कहा कि एक वक्त था कि देश के बारे में बोलना नफरत की नजर से देखा जाता था, लेकिन यह औपनिवेशिक सोच अब खत्म हो गई है और भारत बौद्धिक स्वतंत्रता की ओर बढ़ रहा है. नागपुर में होसबोले अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की तरफ से आयोजित अखिल भारतीय शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे.
'वे सूरज देखना नहीं चाहतीं'
होसबोले कहा, 'जब अंधेरा छंटता है तो विरोधी शक्तियां शोर मचाती हैं क्योंकि वे सूर्य नहीं देखना चाहतीं. हम रोशनी के पक्षधर हैं और रोशनी लाने में भरोसा करते हैं. समाज को विरोधी ताकतों से न तो डरना चाहिए, ना ही उनके आगे झुकना चाहिए.' होसबाले ने कहा, 'भारत के 'स्व' को जागृत करने का पवित्र समय आ गया है. इसलिए भारत का सही इतिहास सामने रखना होगा.'
उन्होंने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जब छात्रों को 'राष्ट्र' और 'राष्ट्र संस्कृति' से जुड़े विषयों पर पीएचडी करने से रोका गया, वहीं कुछ को भारत के 'सही इतिहास' पर पीएचडी नहीं करने दी गई. संघ पदाधिकारी ने कहा, 'मैं ऐसी कई घटनाएं जानता हूं. एक वक्त था जब देश में, देश के बारे में बोलने को नफरत भरी नजर से देखा जाता था. देश में राष्ट्र के बारे में बोलना सही नहीं माना जाता था. दशकों तक बनी रही यह औपनिवेशिक सोच अब समाप्त हो गई है.'
'संघ करना चाहता है सबको एकजुट'
पिछले महीने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि संघ पूरे समाज को एकजुट करना चाहता है और इस प्रक्रिया में कोई भी ऐसा नहीं है जो उसके लिए पराया हो. बयान में संघ प्रमुख ने कहा था, RSS पूरे समाज को संगठित करना चाहता है. इसमें संघ के लिए कोई पराया नहीं है. जो आज हमारा विरोध करते हैं, वे भी हमारे हैं. उनके विरोध से हमारी क्षति न हो इतनी चिंता हम जरूर करेंगे. हम सर्व लोकयुक्त भारत वाले लोग हैं मुक्त वाले नहीं.
उन्होंने कहा था, 'आरएसएस स्वयंसेवक होने के नाते सबको जोड़ने का हमारा प्रयास है. संघ के स्वयंसेवक समाज में अनेक अच्छे काम समाज परिवर्तन के लिए कर रहे हैं. आप उन कार्यों में सहयोगी हो सकते हैं.'
भागवत ने कहा था, 'इतिहास में हम यह लिखा देना नहीं चाहते कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कारण देश का उद्धार हुआ, हम यह लिखा देना चाहते हैं कि इस देश में एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण हुआ, जिन्होंने उद्यम किया और अपने देश को पूरी दुनिया का गुरु बनाया.'
(एजेंसी-भाषा)