नई दिल्ली: भारत ने कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के समान वितरण में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) से पहल करने की मांग की है. भारत ने कहा कि वह दुनिया तक कोरोना वैक्सीन को पहुंचने में आने वाली बाधाओं को हटाने का इंतजाम करे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

'दुनिया के सभी देशों तक हो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की पहुंच'
UN में भारतीय राजनयिक प्रतीक माथुर ने,' दुनिया के सभी देशों तक सस्ती दवाओं, जांच करने वाले ​उपकरणों और इलाज की तकनीकों की समान पहुंच न होना बड़ी चिंता का विषय है. हमें WTO TRIPS समझौते और Doha घोषणापत्र के तहत उचित लचीलापन लाकर दवाओं और नई तकनीकों के प्रसार में आ रही बाधाओं को दूर करना चाहिए.' 


'महामारी से लड़ने के लिए दुनिया को साथ आना होगा'
संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए भारतीय राजनयिक ने कहा कि COVID-19 महामारी ने स्वास्थ्य प्रणालियों में प्रणालीगत कमजोरियों को उजागर किया है. भविष्य में इस तरह की महामारी दोबारा मानवता को बर्बाद न कर सके, इसके लिए हमें दुनिया में हेल्थ सिस्टम मजबूत करने के साथ ही इलाज, जांच और तकनीकों के विकास में सामने आ रही समस्याओं को भी दूर करने की पहल करनी होगी. 


ये भी पढ़ें- Britain में भारतीय मूल के हर‍ि शुक्‍ला को सबसे पहले लगेगा COVID-19 टीका


'बौद्धिक संपदा अधिकार से हटाई जाए कोरोना वैक्सीन'
दुनिया के कुछ देशों में चल रहे 'वैक्सीन राष्ट्रवाद' पर UN को आगाह करते हुए प्रतीक माथुर ने कहा कि इससे अमीर देश कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) सबसे पहले पाने में सफल हो जाएंगे. जबकि गरीब और विकासशील देशों को इसका खामियाजा भुगतना होगा. भारत और दक्षिण अफ्रीका ने  UN से मांग की कि WTO को अपने बौद्धिक संपदा अधिकारों की सूची से कोरोना वैक्सीन को हटा लेना चाहिए, जिससे इस दवाई के सभी देशों तक पहुंचने का रास्ता साफ हो सके.


LIVE TV



'भारत ने 150 देशों को कोरोनाकाल में मदद पहुंचाई'
भारतीय राजनयिक प्रतीक माथुर ने कहा कि दुनिया को स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करते हुए जांच, इलाज और टीकों के लिए सस्ती वैश्विक व्यवस्था की जरूरत है. राजनयिक ने कहा कि भारत ने कोरोना महामारी के दौरान 150 से ज्यादा देशों तक मदद पहुंचाई है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण के दौरान कहा था कि वैक्सीन (Corona Vaccine) उत्पादन और वितरण करके भारत पूरी मानवता की मदद करेगा.