कोलंबो: भारतीय उच्चायोग ने कहा है कि भारत (India) और श्रीलंका (Sri Lanka) ने दोनों देशों के बीच बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए डेढ़ करोड़ डॉलर के अनुदान के कार्यान्वयन पर बातचीत की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modia) ने 26 सितंबर को द्विपक्षीय सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिहाज से भारत और श्रीलंका के बीच बौद्ध संबंधों को मजबूत करने की दृष्ठि से डेढ़ करोड़ डॉलर की अनुदान सहायता की घोषणा की थी. पीएम मोदी ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के साथ हुई डिजिटल शिखरवार्ता में यह घोषणा की थी.


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दोनों देशों के बीच बौद्ध संबंध होंगे मजबूत
उच्चायोग ने एक बयान के मुताबिक भारत के उप उच्चायुक्त विनोद के जैकब ने बुद्धशासन, धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों के मंत्रालय में सचिव कपिला गुणावर्धना से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच बौद्ध संबंधों को बढ़ाने के लिए भारत से प्राप्त अनुदान के क्रियान्वयन पर चर्चा की.


अनुदान का उपयोग बौद्ध मठों की बेहतरी में होगा
जैकब ने कहा है कि यह भारत द्वारा इस तरह की अनुदान संबंधी पहली घोषणा है और इसका उपयोग बौद्ध मठों के निर्माण या पुनर्विकास, क्षमता विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पुरातात्विक सहयोग और बौद्ध विद्वानों के बीच तालमेल मजबूत करने के लिए किया जाएगा. गनवार्डन ने सुझावों का स्वागत किया है और कहा कि बुद्धसाना, धार्मिक और सांस्कृतिक मंत्रालय भारतीय अनुदान का उपयोग करने के लिए विभिन्न परियोजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए काम करेगा.


श्रीलंका भारत के साथ
दोनों पक्षों ने वर्तमान में कार्यान्वयन के तहत अन्य भारतीय अनुदान परियोजनाओं पर भी चर्चा की. इस चर्चा में प्रमुखरूप से श्रीलंका के अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध अकादमी (SIBA) में पल्लेकेले, कैंडी और जाफना कल्चरल सेंटर में कैंडियन डांसिंग स्कूल का निर्माण का मुद्दा रहा. उप उच्चायुक्त ने सांस्कृतिक और विश्व धरोहर स्थलों के डिजिटल प्रलेखन के क्षेत्र में भारत की प्रगति के बारे में सचिव को जानकारी दी. गनवार्डन ने कहा कि श्रीलंका सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की इस पहल में भारत के साथ मिलकर काम करेगा.


श्रीलंका ने भारत के प्रति जताया आभार
मोदी-राजपक्षे की वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में 15 मिलियन अमरीकी डालर की बौद्ध मठों के प्रचार के लिए भारत द्वारा दी गई मदद के लिए आभार प्रकट किया गया है. दोनों देश पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कनेक्टिविट सुदृढ़ करने की दिशा में काम करेंगे, इसी दिशा में एयर बबल स्थापना का निर्णय लिया गया.


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